मौनी अमावस्या का स्नान आज, सुबह 4 बजे तक 15 लाख लोगों ने लगाई डुबकी
आस्था की नगरी तीर्थ राज प्रयाग में मौनी अमावस्या पर गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती में डुबकी लगाने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया है | जिला प्रशासन के आकड़ो के मुताबिक सुबह 4 बजे तक 15 लाख से अधिक लोग डुबकी लगा चुके है | माघ के महीने में आस्था के सबसे बड़े पर्व मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने आये अखाडा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के मुताबिक माघ में इस महापर्व में जिसने भी मौन रह कर संगम में डुबकी लगाईं उसे मोक्ष अवश्य मिला है |
”कांधे पर बोरी कपारे पर बोरा, अमवसा नहाए चलल गांव देख” इस दृश्य को वर्षों पहले इलाहाबाद के जनकवि कैलाश गौतम ने अपनी रचना में उद्धृत किया था। आज संगम की रेती पर उमड़ा जन सैलाब बरबस ही उनकी याद आती है| संगम की तरफ बढ़ाते लाखों लाख भक्त सिर पर बोरी-बोरा लिए बढ़ते जा रहे थे। आस्था के सबसे बड़े मेले का जर्रा-जर्रा इस बात की गवाही देता नजर आ रहा है । जब धर्म की नगरी में एक साथ पूरा हिंदुस्तान दिखाई दे रहा है । क्या हिंदू, क्या मराठी, क्या राजस्थानी, हर रंग यहां पूरी ठसक के साथ मौजूद है। रंग रूप और बोली अलग-अलग किंतु चाहत सिर्फ संगम में पुण्य की एक मौन डुबकी। गंगा यमुना और अद्रश्य सरस्वती के तट पर जात-पात, ऊंच-नीच और बड़े-छोटे की सारी दूरियां मिटी नजर आई। दिखी तो सिर्फ और सिर्फ श्रद्धा।