सकट चौथ

सकट चौथ (संकष्टी चतुर्थी 2019) का पर्व आने वाला है. सकट चौथ पर गणपति की पूजा से सारे संकट दूर हो जाते हैं इस बार सकट चौथ 24 जनवरी 2019 (गुरुवार) को है। सकट चौथ का व्रत विशेष तौर पर संतान की दीर्घायु और सुखद भविष्य की कामना के लिए रखा जाता है. सकट चौथ माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि सकट चौथ के व्रत से संतान की सारी बाधाएं दूर होती हैं इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजन करने पर सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता और प्रथम पूजय देव के रूप में जाना जाता है. किसी भी कार्य को करने से पूर्व सर्वप्रथम गणेश जी का पूजन किया जाता है
सबसे बड़े संकट से निकले थे गणपति:
इसी दिन भगवान गणेश अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से निकलकर आए थे इसीलिए इसे सकट चौथ कहा जाता है. एक बार मां पार्वती स्नान के लिए गईं तो उन्होंने दरबार पर गणेश को खड़ा कर दिया और किसी को अंदर नहीं आने देने के लिए कहा. जब भगवान शिव आए तो गणपति ने उन्हें अंदर आने से रोक दिया. भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया. पुत्र का यह हाल देख मां पार्वती विलाप करने लगीं और अपने पुत्र को जीवित करने की हठ करने लगीं.

जब मां पार्वती ने शिव से बहुत अनुरोध किया तो भगवान गणेश को हाथी का सिर लगाकर दूसरा जीवन दिया गया और गणेश गजानन कहलाए जाने लगे. इसी दिन से भगवान गणपति को प्रथम पूज्य होने का गौरव भी हासिल हुआ. सकट चौथ के दिन ही भगवान गणेश को 33 करोड़ देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हुआ. तभी से यह तिथि गणपति पूजन की तिथि बन गई. कहा जाता है कि इस दिन गणपति किसी को खाली हाथ नहीं जाने देते हैं।

पूजन विधि:

  1. सबसे पहले सुबह स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहनें. पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें. चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें.
  2. भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें और फिर उन्हें जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें. अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें, उसके बाद ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें.
  3. इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाना है.
  4. त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें. इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें.
  5. पूजन उपरांत चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें. पूजन के बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें..

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