सूर्यग्रहण के प्रभाव को इन उपायों से करें कम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्यग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। ये हैं: पूर्ण सूर्यग्रहण, आंशिक सूर्यग्रहण और वलयाकार सूर्यग्रहण। मार्च माह की 9 तारीख को जो सूर्यग्रहण लग रहा है, वह पूर्ण सूर्यग्रहण है।
9 मार्च को कुंभ राशि में 5 ग्रहों की युति बन रही है। मेदिनी ज्योतिष के अनुसार, इसे देश और दुनिया के लिए लाभकारी नहीं माना जा सकता है। कहा जा रहा है कि यह सूर्यग्रहण कष्टकारी और क्लेशदायक सिद्ध होगा। निम्नलिखित ज्योतिषीय उपायों और सावधानियों से इस सूर्यग्रहण के अनिष्टकारी प्रभाव को कम किया जा सकता है।
यह होनी चाहिए ग्रहण के दिन आपकी दिनचर्या
- ग्रहण से पहले नित्यकर्म और स्नानादि से निवृत होकर शुभ संकल्प करें।
- ग्रहण में अपने कुल देवता, ग्राम देवता या इष्टदेवता मानसिक जप करे। ध्यान रखें की ग्रहण के समय पाठ या वाचिक जप न करे।
- ध्यान रखें कि इस समय नित्य किए जाने वाले मन्त्र का ही जप करे। शाबर मंत्र ग्रहणकाल में सिद्ध होते है।
- ग्रहण के बाद आपने जितना भी जप किया हो उसका दशांश (दसवां हिस्सा) हवन करें।
- ग्रहण के बाद तर्पण-मार्जन कर ब्राह्मण को भोजन कराएं।
- इस समय कुश डालने से वस्तुएं अपवित्र नही होती।
- ग्रहणकाल में भोजन नही करे। लेकिन नारियल, दूध, दही, घी आदि से पके अन्न और मणि में स्थित जल राहु से दूषित नही होते हैं। इनका ग्रहण के बाद भी उपयोग करना चाहिए।