कुम्भ मेला 2019 के दौरान क्रूज और स्टीमर के पर्यटन आकर्षण से जुड़ेगा इलाहाबाद

कुम्भ 2019 के दौरान आवागमन को सुगम बनाने तथा यातायात के नये माध्यम से इलाहाबाद को विकसित करने के क्रम में जहां एक ओर इलाहाबाद में हवाई सेवा का विस्तार किया जा रहा है, वही यहां के जल परिवहन को भी विकसित करने के माध्यम तराशने में प्रशासन सकरात्मक ढ़ंग से जुट गया है। पोत परिवहन मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण के सचिव श्री शशिभूषण शुक्ला के साथ मण्डलायुक्त ड़ॉ. आशीष कुमार गोयल की  अध्यक्षता में हुयी बैठक में यमुना और गंगा को सीमावर्ती जनपदों से जल परिवहन की सम्भावनाओं पर गहन मंथन किया गया। बैठक में जिलाधिकारी श्री सुहास एल.वाई., राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण क्षेत्रिय निदेशक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी इलाहाबाद के एस.पी. ट्राफिक, पीडब्लूडी एवं सिचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मण्डलायुक्त के कार्यालय स्थित गांधी सभागार में इलाहाबाद से जल परिवहन सम्बन्धी कई सम्भावानाओं पर विचार किया गया जिसमें कुम्भ 2019 के दौरान भूतल के राज्य मार्गो पर परिवहन का दबाब कम करने की दृष्टि से तथा विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों के स्नान की सुगमता की दृष्टि से अनेक महत्वपूर्ण योजनाये निर्धारित की गयी जिसमें प्रमुख तौर पर वाराणसी से इलाहाबाद के मध्य यात्रियों का जल परिवहन विकसित करना है। जल मार्ग परिवहन के सचिव एवं मण्डलायुक्त के मध्य इस बात पर सहमति बनी कि कुम्भ के पूर्व ही इलाहाबाद के सीमावर्ती क्षेत्रों से यमुना और गंगा मे जल परिवहन प्रारम्भ कर दिया जाय। इसके लिए प्रयोग के तौर पर माघ मेला 2018 के पूर्व गंगा में न्यूनतम डेढ़ मीटर गहराई तक पानी सुनिश्चित हो जाने तक एक दो वाटर वेसेल्स (जलपोत) के द्वारा परिवहन प्रारम्भ कर दिये जाने की सम्भावना है। इस सम्बन्ध में सचिव जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया कि बैठक के पूर्व भारत सरकार की पहल पर कुम्भ के मद्देनजर प्राधिकरण द्वारा दोनों नदियों का भौतिक सर्वे कर लिया गया जिसमें यमुना में परिवहनहेतु पर्याप्त पानी है तथा गंगा में दिसम्बर में पानी की उपलब्धता हो जायेगी। सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि पहले से ही गंगा को वाराणसी से हल्दिया के बीच गंगा में माल परिवहन का कार्य किया जा रहा है जिसके लिए वाराणसी के राम नगर में एक बड़े हब का निर्माण किया जा रहा है जिसका निर्माण मार्च 2019 तक पूरा हो जायेगा। इस तरह स्टेशन से तीन लाक मी.टन, प्रति वर्ष माल की ढुलाई मशीनीकृत ढंग से बिल्कुल उसी तरह सम्भव होगी जैसे समुद्री बन्दरगाहों मे होती है। वर्तमान में 1500 से 200 मी.टन का परिवहन किया जा रहा है। इस परिवहन को यात्री परिवहन के रूप में विकसित करते हुए इलाहाबाद प्रशासन के प्रस्ताव पर भारत सरकार वाराणसी से इलाहाबाद के मध्य गंगा में तथा उसके आगे यमुना में उपलब्ध दूरी तक जल परिवहन प्रारम्भ करने पर विचार कर रही है।

वर्तमान में वाराणसी से पटना के मध्य तीन क्रूज संचालित किये जा रहे है। उच्च स्तरीय पोत सुविधायें दी जाती है। शीघ्र ही वाराणसी से इलाहाबाद के बीच क्रूज सेवा अधिक संख्या में बढाया जाना प्रस्तावित है। इन क्रूज सेवाओं में पर्यटन की दृष्टि से आकर्षक एवं उच्चस्तरीय सुविधा सम्पन्न व्यवस्थाये होगी जिससे वाराणसी और इलाहाबाद के मध्य जल परिवहन से पर्यटन का आकर्षण उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण विषय होगा।

मण्डलायुक्त ने वाराणसी से क्रूज सेवाओं को गंगा के बाद संगम में आगे कौशाम्बी तक जोड़ने का प्रस्ताव दिया जिससे जल परिवहन के माध्यमसे पटना, सारनाथ और कौशाम्बी को जोड़ते हुए एक नये बोध परिपथ का विकास किया जा सके तो अन्तर्ऱाष्ट्रीय पर्यटकों के आकर्षण और सुविधा केन्द्र बन सकता है। मण्डलायुक्त के इस प्रस्ताव पर सचिव द्वारा न केवल सहमति व्यक्त की गयी बल्कि इसे यथाशीघ्र अपेक्षित रूप से पूर्ण कराने का आश्वासन दिया गया। आगामी कुम्भ को देखते हुए जलमार्ग से हल्दिया के बाद कई उपयुक्त स्थान पर छतनाग तक क्रूज जेटी स्थापित करते हुए इन स्थानों से वाराणसी तथा लखनऊ की ओर से आने वाले यात्रियों को जल मार्ग से संगम तक स्नान कराने की फेरी सेवा विकसित कर यात्रियों की सुविधा विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार फतेहपुर और कौशाम्बी जनपदों के यमुना के निकटवर्ती किनारों से भी कुम्भ के दौरान क्रूज सेवा से संगम तक स्नान कराने एवं वापस लाने की फेरी सेवा विकसित करने पर सहमति बनी है।

इस प्रकार कुम्भ 2019 के पूर्व सुगम एवं सुखद नजारा देखने को मिलेगा। मण्डलायुक्त ने य़ह भी प्रस्ताव दिया कि रीवा की तरफ से आने वाले ट्रकों को वाटर वेसेल्स द्वारा यमुनापार करवाकर ट्रकों  से होने वाले जाम की समस्या को रोका जा सकता है। जिलाधिकारी श्री सुहास एल.वाई. के द्वारा एक प्रस्ताव दिया गया कि सामान्य दिनों में भी इस परिवहन सेवा को जारी रखा जाय तथा इलाहाबाद आने वाले पर्यटकों को छतनाग से बोट क्लब के बीच त्रिवेणी पुष्प, संगम तथा म्यूजियम का दर्शन कराते हुए त्रिवेणी दर्शन या गंगा दर्शन की सेवा प्रारम्भ की जाय। इन सेवाओं के लिए प्राइवेट कम्पनियों से उच्च स्तरीय क्रूज, वाटर वेसेल्स और पावर स्टीमर चलवाये जाने पर सहमति बनी।

पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से वाराणसी में कछुआ अभ्यारण्य के दृष्टिगत पर्यावरण विभाग द्वारा दो घंटे की छूट की अवधि को ही पटना से कौशाम्भी के बीच परिवहन संचालित कर लिये जे की योजना निर्धारित की गयी। मण्डलायुक्त ने वाराणसी से इलाहाबाद के बीच बनने वाले पाउण्टून पूलों मे दो पाण्टून मशीशन से खोलकर क्रूज को पास करने की व्यवस्था निर्धारित करने के लिए जिला प्रशासन, पीडब्लूडी, एसपी ट्राफिक की एक समिति बनाने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये।

Comments

comments

error: Content is protected !!
Open chat
Hi, Welcome to Upasana TV
Hi, May I help You