कुम्भ 2019 : ओम नमः शिवाय जप के साथ पूरी हुई नागा साधुओं की दीक्षा

उपासना डेस्क प्रयागराज : वर्षों की कठिन परीक्षा के बाद करीब 500 नागा साधुओं ने सनातन सेना का हिस्सा बनने की परीक्षा पास की। इसके तहत उन्हें संस्कार के साथ संन्यास की दीक्षा दी गई। अखाड़े की छावनी में संकल्प के बाद हर-हर महादेव के जयघोष के साथ सभी साधु संगम पहुंचे।धर्मदंड लेकर निगरानी करते अखाड़े के कोतवालों की देखरेख में अखाड़े के पुरोहित आचार्य श्रीकृष्ण के आचार्यत्व में संगम किनारे जुटे साधुओं ने संगम स्नान किया। फिर स्वयं के लिए सत्रहवां पिंडदान करके संन्यासी बन गए। अवधूतों को नागा बनाने की प्रक्रिया के तहत सबसे पहले उनका मुंडन संस्कार हुआ।संगम स्नान, भस्म स्नान, गोमूूत्र, गाय के गोबर, पंचगव्य, पंचामृत स्नान, संगम स्नान के बाद उन्हें लंगोटी दी गई। उनके शरीर पर लगाने के लिए बाबा विश्वनाथ मंदिर की भभूत और दंड बनाने के लिए पलाश सहित अन्य पूजा सामग्री काशी, हरिद्वार से लाई गई। मौनी अमावस्या तक अलग अलग संस्कारों से गुजरने के बाद इन नागा सन्यासियों को अपने जीवन के पहले शाही स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। तब ये सन्यासी जीवन भर निरंजनी अखाड़े के सदस्य बन कर रहेंगे।
परंपरानुसार यज्ञोपवीत के बाद उन्हें पलाश का दंड और कुल्हड़ का कमंडल दिया गया। संस्कार के तहत पिंडदान के बाद सभी ने गंगा में पिंडों को विसर्जित किया। आधी रात के बाद विजयाहवन संस्कार किया गया। इस बीच ओम नम:शिवाय का जप चलता रहा। आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि के आचार्यत्व में संकल्प और दीक्षा के बाद इन सभी संन्यासियों की लंगोटी खोलकर उन्हें बनाया जाएगा। कार्यक्रम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी, श्रीमहंत आशीष गिरि, श्रीेमहंत दिनेश गिरि सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर योग गुरु स्वामी रामदेव जी भी मौजूद रहे। स्वामी रामदेव जी ने इन सन्यासियों को योग की शिक्षा भी दी।

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