प्रयागराज में कलश यात्रा से नौ दिवसीय भव्य श्री राम कथा का शुभारंभ

उपासना डेस्क, प्रयागराज: प्रयागराज के मुंडेरा में हर हर महादेव मंदिर मुंडेरा से बमरौली शिवाला मंदिर तक कलश यात्रा निकाली गई। इसके साथ ही नौ दिवसीय भव्य श्री राम कथा का शुभारंभ हुआ। श्री रामकथा का श्रवण, कथावाचक आचार्य श्री अंकित कृष्ण जी महाराज श्री मुख से आप तक पहुंचेगी।

कलश रिद्धि- सिद्धि का प्रतीक है। इसका हिंदू धर्म में अपना महात्म्य है। उन्होंने कहा कि कलश हमारे जीवन के हर क्षण में काम आता है। जन्म के समय भी कलश स्थापना की जाती है और मरने के समय भी शरीर के साथ कलश विसर्जित किया जाता है। उन्होंने बताया कि कलश के उपर नारियल रखा जाता है। यह नारियल मनुष्य को इस बात की शिक्षा देता है कि परिवार के मुखिया को उपर से सख्त और अंदर से मुलायम होना चाहिए। इससे जीवन की गाड़ी बेहतर चलती है। कलश के उपर जो माला रखी जाती है उसका अलग महत्व है। जिस प्रकार माला में लगा हुआ फूल महकता है उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी दूसरों को सुगंध देने वाला होना चाहिए।

कलश में जल मानव शरीर में आत्मा के समान है। इसीलिए खाली कलश अशुभ माना जाता है। कलश को शांति का संदेश वाहक भी माना जाता है ।एक ही रंग के मारवाड़ी परिधानों से सुसज्जित महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर कलश यात्रा निकाली। भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। आयोजन से क्षेत्र में भक्ति एवं उत्साह का माहौल है। भव्य कलश यात्रा के साथ किया गया। उक्त कलश यात्रा में 321 कन्या एवं महिलाओं ने माथे पर मिट्टी का कलश लेकर शामिल हुई। सर्व सभी कन्या व महिलाओं के कलश पर जल संग्रह करतेे हुए अपने अपने माथे पर कलश लेकर घाट से जय जय कार लगाते हुए धर्म की जय हो, अधर्म की नाश हो एवं हरे कृष्ण, हरे, हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे आदि के गुन गान के साथ पूरा गांव भ्रमण करते हुए राम कथा स्थल तक पहुंचा। राम कथा का आयोजन होने से आदि आसपास के गांव में भक्ति एवं काफी उत्साह का माहौल बना हुआ है।

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