सबरीमाला तीर्थ आने वाले श्रद्धालु अब नहीं फेकेंगे पंबा नदी में वस्त्र
भक्ति टाइम्स: समाचार है कि ‘मिशन ग्रीन सबरीमाला’ के तहत अब श्रद्धालु पंबा नदी में स्नान के बाद उतरन और वस्त्र नहीं फेकेंगे। इसके लिए बाकायदा श्रद्धालुओं के हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं।
इस तीर्थस्थल के प्रशासनिक अधिकारियों का लक्ष्य है कि मिशन ग्रीन सबरीमाला’ के लिए भारी मात्रा में शपथ पत्र पर हस्ताक्षर लिए जाएं। इस संबंध में पथानमथिट्टा के जिला अधिकारी एस. हरिकिशोर ने बताया, “श्रद्धालु पंबा नदी में स्नान करने आते हैं। इसलिए हमारे लिए आवश्यक है कि हम इसे स्वच्छ रखें।”
मैं पंबा नदी में वस्त्र नहीं फेंकूंगा
सूत्रों के अनुसार, अभी तक सबरीमाला स्थित अयप्पा मंदिर आने वाले दो लाख श्रद्धालुओं ने एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किया है। यह शपथ पत्र हिंदी, अंग्रेजी, मलयालम, कन्नड़, तमिल और तेलुगू सहित छह भाषाओं में है।
शपथ पत्र में लिखा है: “मैं पंबा नदी में वस्त्र नहीं फेंकूंगा। मैं इसे कूड़े के साथ निपटाऊंगा।”
पंबा नदी और आसपास का वातावरण प्रदूषित
सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार पंबा नदी में डुबकी लगाने के बाद कपड़े को नदी में फेंक दिया जाता है। इससे न केवल नदी बल्कि आसपास के वातावरण को गंभीर पर्यावरणीय प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि जो भी व्यक्ति सबरीमाला आते हैं, वे औसतन 250 ग्राम प्लास्टिक छोड़कर जाते हैं। पिछले साल 8750 टन प्लास्टिक और इससे बनी वस्तुएं जमा की गई थीं।