भारत में चंद्रग्रहण का समय सायं 5.19 से रात्रि 8.43 तक, ग्रहणकाल में क्या करें क्या न करें – ऐस्ट्रो राहुल श्रीवास्तव

ऐस्ट्रो राहुल श्रीवास्तव
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उपासना डेस्क, इलाहाबाद: भारत के अधिकांश क्षेत्र में ग्रहण समय सायं 5.19 से रात्रि 8.43 तक है और सूतक का समय प्रातः 08:19 से प्रारम्भ है।

क्या करें क्या न करें
बूढ़े, बच्चे, रोगी और गर्भवती महिला आवश्यकतानुसार दोपहर 11.30 बजे तक भोजन कर सकते हैं ।
रात्रि 8.43 पर ग्रहण समाप्त होने के बाद पहने हुए वस्त्रोंसहित स्नान और चन्द्रदर्शन करके भोजन आदि कर सकते हैं ।

ग्रहण के समय पालनीय
(1) ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते । जबकि पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए ।
(2) सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना । यदि गंगा-जल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना फलदायी होता है ।
(3) ग्रहण-काल जप, दीक्षा, मंत्र-साधना (विभिन्न देवों के निमित्त) के लिए उत्तम काल है ।
(4) ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है ।

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