अर्द्ध कुम्भ मेला के दौरान सन्तों के गले मे होंगे परिचय पत्र

उपासना डेस्क, इलाहाबाद: फ़र्ज़ी सन्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अखाड़ा परिषद के सभी संतो का परिचय पत्र जारी करने का फैसला किया है। अर्धकुम्भ लगने के पहले 13 अखाड़ों के सभी सन्तों का परिचय पत्र बना दिया जाएगा। परिचय पत्र पर अखाड़ा प्रमुख के हस्ताक्षर के अलावा भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष का भी हस्ताक्षर होगा। सन्तों को परिचय पत्र बनाने का काम दिसम्बर से शुरू कर दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक बिना परिचय पत्र के किसी भी सन्त को कैम्प में प्रवेश और सुविधा उपलब्ध नही कराया जाएगा। अखाड़ा परिषद की ओर से यह सख्त निर्देश जारी किया गया है कि बिना परिचय पत्र के किसी भी सन्त को किसी भी अखाड़ा के शिविर में शामिल नही किया जाएगा।

सन्तों की पहचान कर फ़र्ज़ी सन्तों को सन्तों की जमात से अलग करने की योजना पर अमल करते हुए भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से साधु- संतों का परिचय पत्र बनाया जाएगा। परिचय पत्र में सन्त का नाम, मूल निवास के अलावा जिस अखाड़ा परिषद से जुड़ा होगा उसका नाम अंकित होगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के मुताबिक 13 अखाड़ों में कुल 23 लाख सन्त पंजीकृत हैं। संतो की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए माघ मेला के दौरान कैम्प कार्यालय खोलकर सन्तों का परिचय पत्र बनाया जाएगा। महंत नरेंद्र गिरी के मुताबिक कुछ अखाड़ा अपने सन्तों का परिचय पत्र बनाने का काम शुरू भी कर चुके हैं।

गौरतलब है कि कुछ माह पहले सूबे के मुखिया आदित्य नाथ से मुलाकात करने पहुचे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कई प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की। उस वक्त साधुओं के परिचय पत्र बनाने की बात से इनकार कर दिए थे। इस सम्बंध में अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि फ़र्ज़ी सन्तों की वजह से असल साधु-संतों की साख गिरती जा रही है, इस वजह से साधुओं का परिचय पत्र बनाने के फैसले पर विचार किया गया है।

सन्तों की पहचान के लिए बनने वाला कार्ड का रंग भगवा होगा। परिचय पत्र पर त्रिशूल भी अंकित होगा। सन्तों को परिचय पत्र पूरी तरह निःशुल्क होगा, इसके लिए कोई शुल्क नही वसूला जाएगा।

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