शुक्रवार अर्थात लक्ष्मीवार से धनतेरस के साथ शुक्रवार से पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत हो जाएगी। इस बार धन तेरस से दिवाली तक कई शुभ संयोग रहेंगे, जो सुख समृद्धि के इस महापर्व को और शुभता प्रदान करेंगे। ज्योतिर्विद पंडित सोमेश्वर जोशी के अनुसार इस बार धनतेरस तो शुक्रवार को मनाई जाएगी अमृत योग में मनेगी, वहीं दिवाली प्रीती,पद्म और अमृतसिद्दी योग में मनाया जाएगा। हस्त, चित्र और स्वाति नक्षत्र और कन्या और तुला का चंद्र लक्ष्मी योग बनायेगे इन शुभ योगों के आने से धन तेरस और दिवाली शुभ विशेष फलदायी होगी।
ज्योतिष में किसी भी चीज का फल उसकी शुभारम्भ पर निर्भर करता हे जिस वस्तु की जिसतरह के मुहूर्त में ख़रीदा, बनाया, उत्पन्न किया जायेगा वह उसी तरह का फल देगी इसलिए यह आवश्यक हे की की उसे शुभ मुहूर्त में किया जाये जैसा मुहूर्त होगा वैसा ही फल मिलता हे
शहर में दिवाली की आहट नजर आने लगी है। मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर आंगन सजने लगे हैं, घरों में साफ-सफाई का दौर अंतिम चरणों में चल रहा है, वहीं बाजारों में दिवाली की खरीदारी के लिए भी भीड़ उमडऩे लगी है। दीपोत्सव 28 अक्टूबर से 1 नवम्बर भाई दूज तक चलेगा। इस दौरान शहर में रौनक, उत्साह और उमंग का माहौल रहेगा।
धनतेरस शुभ मुहूर्त-
धनतेरस अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त हे परन्तु यदि स्थिर या शुभ मुहूर्त में यदि पूजन हो तो और भी अधिक शुभ फलकारी होता हे ज्योतिर्विद पं सोमेश्वर जोशी के अनुसार स्थानिक सूर्योदय से गणनीय विशेष मुहूर्त इस प्रकार है-
चल 06:29 से 07:54 प्रातः
लाभ 07:54 से 09:19 प्रातः
अमृत 09:19 से 10:45 प्रातः
शुभ 12:10 से 01:35 दोपहर
चल 04:25 से 05:51 साय
लाभ 09:00 से 10:35 रात्रि
शुभ 12 :10 से 01:45 रात्रि
अमृत 01:45 से 03:20 रात्रि
लग्न मुहूर्त:
07 :58 से 11 :13 वृश्चिक प्रातः
02 :06 से 03 :39 कुम्भ प्रातः
06 :50 से08 :48 वृषभ साय
प्रदोष काल 05 :47 से 08:20 साय (दीप दान श्री पूजन)
दीपावली शुभ मुहूर्त-
दीपावली अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त हे परन्तु यदि स्थिर या शुभ मुहूर्त में यदि पूजन हो तो और भी अधिक शुभ फलकारी होता हे ज्योतिर्विद पं सोमेश्वर जोशी के अनुसार स्थानिक सूर्योदय से गणनीय विशेष मुहूर्त इस प्रकार है-