Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/upasanat/domains/upasanatv.com/public_html/wp-content/plugins/wordpress-seo-premium-temp/frontend/class-twitter.php on line 495
Devotional Places

तेलंगाना में है हनुमान जी और उनकी पत्नी सुवर्चला का मंदिर, पाराशर संहिता में है हनुमान विवाह का वर्णन

हनुमान जी के बारे में माना जाता है की वो बाल ब्रह्मचारी है। पर भारत के कुछ हिस्सों खासकर तेलंगाना में हनुमान जी को विवाहित माना जाता है। इन क्षेत्रों में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार हनुमानजी की पत्नी का नाम सुवर्चला है और वे सूर्य देव की पुत्री हैं। यहाँ पर हनुमानजी और सुवर्चला का एक प्राचीन मंदिर स्तिथ है। इसके अलावा पाराशर संहिता में भी हनुमान जी और सुवर्चला के विवाह की कथा है।

तेलंगाना के खम्मम जिले में है मंदिर :-
हनुमानजी और उनकी पत्नी सुवर्चला का मंदिर तेलंगाना के खम्मम जिले में है यह एक प्राचीन मंदिर है। यहां हनुमानजी और उनकी पत्नी सुवर्चला की प्रतिमा विराजमान है। यहां की मान्यता है कि जो भी हनुमानजी और उनकी पत्नी के दर्शन करता है, उन भक्तों के वैवाहिक जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है।
खम्मम जिला हैदराबाद से करीब 220 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अत: यहां पहुंचने के लिए हैदराबाद से आवागमन के उचित साधन मिल सकते हैं। हैदराबाद पहुंचने के लिए देश के सभी बड़े शहरों से बस, ट्रेन और हवाई जहाज की सुविधा आसानी से मिल जाती है।

हनुमान जी के विवाह सम्बन्धी पौराणिक कथा :-
तेलंगाना के खम्मम जिले में प्रचलित मान्यता का आधार पाराशर संहिता को माना गया है। पाराशर संहिता में उल्लेख मिलता है कि हनुमानजी अविवाहित नहीं, विवाहित हैं। उनका विवाह सूर्यदेव की पुत्री सुवर्चला से हुआ है। संहिता के अनुसार हनुमानजी ने सूर्य देव को अपना गुरु बनाया था। सूर्य देव के पास 9 दिव्य विद्याएं थीं। इन सभी विद्याओं का ज्ञान बजरंग बली प्राप्त करना चाहते थे। सूर्य देव ने इन 9 में से 5 विद्याओं का ज्ञान तो हनुमानजी को दे दिया, लेकिन शेष 4 विद्याओं के लिए सूर्य के समक्ष एक संकट खड़ा हो गया।

शेष 4 दिव्य विद्याओं का ज्ञान सिर्फ उन्हीं शिष्यों को दिया जा सकता था जो विवाहित हों। हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी थे, इस कारण सूर्य देव उन्हें शेष चार विद्याओं का ज्ञान देने में असमर्थ हो गए। इस समस्या के निराकरण के लिए सूर्य देव ने हनुमानजी से विवाह करने की बात कही। पहले तो हनुमानजी विवाह के लिए राजी नहीं हुए, लेकिन उन्हें शेष 4 विद्याओं का ज्ञान पाना ही था। इस कारण अंतत: हनुमानजी ने विवाह के लिए हां कर दी।

जब हनुमानजी विवाह के लिए मान गए तब उनके योग्य कन्या की तलाश की गई और यह तलाश खत्म हुई सूर्य देव की पुत्री सुवर्चला पर। सूर्य देव ने हनुमानजी से कहा कि सुवर्चला परम तपस्वी और तेजस्वी है और इसका तेज तुम ही सहन कर सकते हो। सुवर्चला से विवाह के बाद तुम इस योग्य हो जाओगे कि शेष 4 दिव्य विद्याओं का ज्ञान प्राप्त कर सको। सूर्य देव ने यह भी बताया कि सुवर्चला से विवाह के बाद भी तुम सदैव बाल ब्रह्मचारी ही रहोगे, क्योंकि विवाह के बाद सुवर्चला पुन: तपस्या में लीन हो जाएगी।

यह सब बातें जानने के बाद हनुमानजी और सुवर्चला का विवाह सूर्य देव ने करवा दिया। विवाह के बाद सुवर्चला तपस्या में लीन हो गईं और हनुमानजी से अपने गुरु सूर्य देव से शेष 4 विद्याओं का ज्ञान भी प्राप्त कर लिया। इस प्रकार विवाह के बाद भी हनुमानजी ब्रह्मचारी बने हुए हैं।

Comments

comments

Upasana Desk

उपासना टीवी, दिल्ली एनसीआर से संचालित प्रतिष्ठित धार्मिक हिंदी मीडिया संसथान है। जो विगत 13 वर्षों से धर्म और सांस्कृतिक मीडिया में अग्रसर है। उपासना टीवी में हम आपकी धार्मिक समाचार को प्रकाशित करते हैं। आप अपनी खबरें और सुझाव हमें upasana.tv@gmail.com पर भेज सकते हैं या 9312827955 पर Whatsapp और 7011103242 पर Call कर सकते हैं।

error: Content is protected !!