सुख समृद्धि, धन धान्य के लिए करें पितृपक्ष में यह उपाय – ऐस्ट्रो राहुल श्रीवास्तव

ऐस्ट्रो राहुल श्रीवास्तव
+91-9454621446

पितृपक्ष का आरंभ भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा (6सितंबर2017)से आरंभ होकर अश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या को समापन (19 सितंबर 2017 )।इस पक्ष में पितरों के निमित्त श्रद्धा पूर्वक जो कर्म किया जाता है श्राद्ध कहते हैं ।

“श्रद्धया इदं श्राद्धम”

श्राद्ध से प्रसन्न होकर पितृगण समस्त सुख ,दीर्घायु ,संतान ,धन ,पद ,विद्या ,स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदान करते हैं जो श्राद्ध करने का परामर्श देता है और जो अनुमोदन करता है सबको श्राद्ध का पुण्य फल प्राप्त होता है

श्राद्ध के भेद:
यम स्मृति में पाँच प्रकार के श्राद्ध बताए गए हैं
1.नित्य श्राद्ध-प्रतिदिन किए जाने वाला श्राद्ध
2.नैमित्तिक श्राद्ध-एको दृष्टि श्राद्ध को निमित्तक श्राद्ध कहते है
3.काम्य श्राद्ध-कामना की पूर्ति के लिए किए जाने वाले श्राद्ध को काम्य श्राद्ध कहते हैं
4.वृद्धि श्राद्ध-पुत्र जन्म तथा विवाह आदि मांगलिक कर्म में जो श्राद्ध किया जाता है उसे वृद्धि श्राद्ध या नादीं श्राद्ध कहते हैं
5.पार्वण श्राद्ध- पितृ पक्ष, अमावस्या अथवा पर्व की तिथि आदि पर जो श्राद्ध किया जाता है उसे पार्वण श्राद्ध कहते हैं ।
किसी कारणवश पिंडदानात्मक पार्वण श्राद्ध कोई नहीं कर पाता तो भोजनात्मक श्राद्ध कर ले यानी ब्राम्हण को भोजन दिया जाए अग्नि ,गाय के माध्यम से भी भोजन दिया जाए

किसी के यहाँ माँगलिक कार्य यानि विवाह आदि हुआ हो तो श्राद्ध अवश्य करना चाहिए स्वरूप बदला जा सकता है

क्या गया की यात्रा के बाद श्राद्ध नहीं करना चाहिए ?
अवश्य करना चाहिए श्राद्ध का स्वरुप बदलकर भोजनात्मक कर दिया जाए

इस वर्ष श्राद्ध की तिथियाँ
पूर्णिमा एवं प्रतिपद-६ सितंबर
द्वितीया श्राद्ध- ७ सितंबर
तृतीया श्राद्ध- ८ सितंबर
चतुर्थी श्राद्ध- ९ सितंबर
पंचमी श्राद्ध- १० सितंबर
षष्ठी श्राद्ध- ११ सितंबर
सप्तमी श्राद्ध- १२ सितंबर
अष्टमी श्राद्ध- १३ सितंबर
नवमी श्राद्ध- १४ सितंबर(स्त्रियों का श्राद्ध)
दशमी श्राद्ध-१५ सितंबर
एकादशी श्राद्ध-१६ सितंबर
द्वादशी&त्रयोदशी-१७सितंबर
चतुर्दशी श्राद्ध- १८ सितंबर(शस्त्र आदि से
मृत्यु ब्यक्तियो का श्राद्ध)
अमावस्या-१९ सितंबर(पितृ विसर्जन)
नोट:२० सितंबर अपराहन नाती के द्वारा नाना का श्राद्ध

अधिक जानकारी के लिए करें:
गार्गी ज्योतिष अनुसंधान केंद्र (प्रयाग) +91-9935979666

Comments

comments

error: Content is protected !!
Open chat
Hi, Welcome to Upasana TV
Hi, May I help You