जानिए! नवरात्रि कौन सा व्रत-उपवास किस लिए
नवरात्रि में मां दुर्गा के भक्त मां के अलग-अलग रूपों की आराधन करते हैं। जो भक्त जैसा व्रत रखता है मां उसे वैसा ही लाभ देती हैं।
नवरात्रि यानि मां के नौ रूपों के पूजन के नौ दिन। श्रद्धा भाव से लोग इन नौ दिन माता की पूजा करते हैं। माता को प्रसन्न करने के लिए उपवास करते हैं। उपवास का मतलब तप से होता है। जैसा तप वैसा ही फल आपको मिलता है। ज्योतिशाचार्य सोमेश्वर जोशी ने बताया कि किस प्रकार का व्रत रखने से उसका क्या लाभ मिलता है।
निर्जला व्रत
इस व्रत में बिना पानी पिये मां की आराधना की जाती है। यह व्रत काफी कठिन माना जाता है। कुछ ही भक्त इस व्रत को रखते हैं। इस व्रत के करने से सिद्धी प्राप्त होती है। हर मनोकामना को माता पूरी करती हैं।
एक लौंग के जोड़े से व्रत
इस व्रत में पूरे दिन में एक लौंग का जोड़ा खाया जाता है। इसके अलावा कुछ भी नहीं खाते हैं। इस व्रत के करने से घर की सारी समस्यायें समाप्त हो जाती हैं। जितने भी कष्ट होते हैं माता उन्हें दूर कर देती हैं।
एक बार फल आहार व्रत
इस व्रत में पूरे दिन में एक बार फलाहार किया जाता है। इस व्रत के करने से मन शांत रहता है। शरीर में यदि कोई बीमारी पनप रही होती है तो वह समाप्त हो जाती है। शरीर के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
एक बार भोजन लेकर व्रत
इस व्रत में पूरे दिन में एक बार भोजन लिया जा सकता है। इस व्रत के करने से माता धन, सम्पत्ति और वैभव का वरदान देती हैं।
मौन व्रत
इस व्रत में किसी से बात किये बिना पूरे दिन मौन रखा जाता है। इस व्रत के करने से मन तो शांति मिलती है। इसके साथ ही सिद्धी प्राप्त होती है। ध्यान केन्द्रित करने की शक्ति भी बढ़ती है।
दोनों समय भोजन लेकर व्रत
यह व्रत बुजुर्ग और बीमार लोगों के लिए होता है। इसमें दोनों टाइम भोजन लेकर माता की आराधना करनी होती है। इस व्रत के करने से गृह कलेशों से मुक्ति मिलती है।