यहाँ बनवाया था पांडवों ने पांच मंजिला भगवान शनिदेव का मंदिर, आज भी जल रही है अखंड ज्योति!

रिपोर्ट: एल एन सिंह, उपासना डेस्क, नॉएडा – वीर भूमि हिंदुस्तान में भगवान शनिदेव महाराज के कई मंदिर है। सभी मंदिरों की अलग अलग मान्यताएं हैं। आज हम आपको शनिदेव के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां साल में एक बार चमत्कार होता है। बताया जाता है कि यह मंदिर समुद्री तल से लगभग 7000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, न्याय के देवता शनिदेव को हिंदू देवी यमुना का भाई माना जाता है। देव भूमि उत्तराखंड के खरसाली में शनिदेव का धाम स्थित है। यहां पर शनिदेव 12 महीने विराजमान रहते हैं। बताया जाता है कि यहां पर अपने कष्टों का दूर करने के लिए हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और
शनि देव का दर्शन करते हैं।

इतिहासकारों की माने तो इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था। यह मंदिर पांच मंजिला है, लेकिन बाहर से देखने से पता नहीं चल पाता कि यह मंदिर पांच मंजिला है। बताया जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में पत्थर और लकड़ी का उपयोग किया गया है।बताया जाता है कि इस मंदिर में शनिदेव की कांस्य की मूर्ति विराजमान है। इस मंदिर में एक अखंड ज्योति मौजूद है। मान्यता है कि इस अखंड ज्योति के दर्शन मात्र से ही जीवन के सारे दुख दूर हो जाते और शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है l

बताया जाता है कि इस मंदिर में साल में एक बार चमत्कार होता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंदिर के ऊपर रखे घड़े खुद बदल जाते हैं। इस दिन जो भक्त शनि मंदिर में आता है, उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

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