महाशिवरात्रि 7 मार्च को, इस आसान विधि से करें शिव उपासना
भक्ति टाइम्स: भगवान शिव के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि उनकी आराधना का सर्वश्रेष्ठ दिन है। सनातन धर्म को मानने वाले दुनिया भर के श्रद्धालु इस साल यह महापर्व सात मार्च को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाएंगे।
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हिन्दू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। लेकिन इसमें त्रयोदशी तिथि यानी प्रदोष तिथि को भी शामिल करना भी आवश्यक है।
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शिव पूजा की आसान विधि
मान्यता है कि सृष्टि के कल्याण के लिए इस दिन भगवान शिव और पार्वती परिणय-सूत्र में बंधे थे। इसलिए इस पावन दिवस को इन दोनों की पूजा महाफलदायी मानी गई है। प्रस्तुत है महाशिवरात्रि को इनकी पूजा की आसान विधि:
- घर हो या मंदिर नित्यकर्म और स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। (ध्यान रहे कि भगवान शिव एक ऐसे देव है, जो कर्मकाण्ड और आडम्बर में नहीं फंसते हैं, वे केवल भक्त और भक्त की भावना को देखते हैं। लिहाजा हम कुछ भी न करें और केवल शुद्ध मन से श्रद्धापूर्वक पूर्वक उनका ध्यान कर लें तो भी हमारी पूजा वे स्वीकार कर लेते हैं और उचित फल दे देते हैं।)
- यदि आप मंदिर जाते हैं तो एक जलपात्र में स्वच्छ जल लें और शिवलिंग पर अर्घ्य डालें। घर में पूजा कर रहे हैं, तो इसकी आवश्यकता नहीं हैं।
- जल का अर्घ्य डालते समय ओम नम: शिवाय का जाप/जयघोष करें। आप मन-ही-मन भी इसका उच्चारण कर सकते हैं।
- यदि संभव हो तो जल में गंगाजल डालें। भगवान शिव को गंगाजल बहुत प्रिय है।
- यदि संभव हो या मिल जाए तो शिवलिंग पर धतूरा, भांग, बेलपत्र के साथ-साथ कनेर/गेंदा/गुलाब आदि का फूल चढ़ाएं।
- यदि संभव हो तो दही, घी, शहद और कपूर से शिवलिंग में लेप लगाएं।
- यदि संभव हो धूप-दीप-चंदन से भगवान की पूजा करें।
- यथाशक्ति-तथाभक्ति यानी सामर्थ्य के अनुसार नैवेद्य, फल और धनराशि चढ़ाएं।
एकबार फिर स्मरण करा दूं कि भगवान शिव एक ऐसे देव है, जो कर्मकाण्ड और आडम्बर में नहीं फंसते हैं, वे केवल भक्त और भक्त की भावना को देखते हैं। इसलिए जितना बन पड़े उतना ही करें, लेकिन श्रद्धा सच्ची और भावना अच्छी होनी चाहिए।