सकट चौथ! इस पूजा विधि से करें भगवान गणेश को प्रसन्न! पूजा विधि, सामग्री लिस्ट, मुहूर्त, मंत्र और महत्व

माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्ठी चतुर्थी कहा जाता है. इस तिथि को तिल चतुर्थ तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस साल की 4 बड़ी चतुर्थी में से एक होती है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली ये चतुर्थी महिलाओं के लिए काफी खास होती है। क्योंकि महिलाएं इस दिन अपनी संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत में भगवान गणेश की पूजा होती है।

सकट चौथ व्रत 2023 मुहूर्त (Sakat Chauth 2023 Muhurat): सकट चौथ व्रत 10 जनवरी 2023 को रखा जाएगा। सकट चौथ तिथि का आरंभ 10 जनवरी 2023 को दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से होगा और इसकी समाप्ति 10 जनवरी 2023 को दोपहर 02 बजकर 35 मिनट पर होगी। चंद्रोदय का समय रात 08 बजकर 41 मिनट पर है।
सकट चौथ सामग्री: लकड़ी की चौकी, पीला कपड़ा, जनेऊ, गणपति की मूर्ति, लाल फूल, 21 गांठ दूर्वा, रोली, 11 या 21 तिल के लड्‌डू, मोदक, मेहंदी, सिंदूर, सुपारी, पान का पत्ता, लौंग, इलायची, गंगाजल, अक्षत, हल्दी, मौली, इत्र, अबीर, गुलाल, गाय का धी, दीप, धूप, मौसमी फल, सकट चौथ व्रत कथा की पुस्तक, चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए दूध, गंगाजल, कलश, चीनी।

सकट चौथ पूजा विधि: सकट चौथ के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ब्रह्म मुहूर्त में ही भगवान गणपति का अभिषेक करें। उन्हें लाल रंग के पुष्प, अक्षत, धूप बत्ती, माला, मौली, देसी घी का दीपक आदि अर्पित करें। फिर उनके मस्तक पर लाल चंदन का तिलक लगाएं। गणेश जी की आरती करें तथा उन्हें काले तिल और गुड़ से बने लड्डुओं का भोग लगाएं। शाम में गणेश जी की फिर से पूजा करें और इस दौरान सकट व्रत कथा जरूर पढ़ें। रात के समय चन्द्रमा के उदय होने पर जल से अर्घ्य दें। इसके बाद फलहार ग्रहण कर सकते हैं।
चंद्रदेव को कैसे दें अर्घ्य: इस दिन रात के समय चंद्रोदय होने पर लोटे में शुद्ध जल भरकर उसमें लाल चन्दन, कुश, पुष्प, अक्षत आदि डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।
इस मंत्र का करें जाप: संकष्टी चतुर्थी के दिन ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का 108 बार जप करें। इससे व्यक्ति को प्रखर बुद्धि, उच्च शिक्षा और गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।

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