सिंहस्थ कुंभ के लिए क्षिप्रा नदी में डाला जा रहा है नर्मदा का जल

भक्ति टाइम्स: मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर 22 अप्रैल से 21 मई तक होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले के आयोजन लिए नदी में आवश्यक प्रवाह और जल उपलब्ध नहीं है। क्षिप्रा नदी के जल में प्रवाह की समस्या को दूर करने के लिए सरकार उज्जैयनी गांव में नर्मदा नदी का पानी इस नदी में डाल रही है।

नर्मदा नदी से जल आने के कारण क्षिप्रा नदी में अब पानी उपलब्ध है, लेकिन वह पानी अभी काफी गंदा है। इससे साधु-समाज तनिक खफा है।

सरकारी अनुमान के अनुसार, इस सिंहस्थ में पांच करोड़ से ज्यादा लोगों के आने की संभावना है।

क्षिप्रा नदी के पानी दुरुपयोग पर 2 साल की सजा

सिंहस्थ कुंभ सुचारू रूप से हो सके इसके लिए उज्जैन के जिलाधिकारी कवींद्र कियावत ने क्षिप्रा नदी के जल को संरक्षित घोषित कर दिया है। विशेष कर उज्जैन और उसके आसपास के किसान सिंचाई के क्षिप्रा नदी के पानी से सिंचाई नहीं कर सकेंगे।

जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, क्षिप्रा नदी का जल अब घरेलू प्रयोजन के लिए ही उपयोग किया जा सकेगा। जल को अन्य किसी प्रयोजन, जैसे- सिंचाई और औद्योगिक प्रयोजन के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा।

जिलाधिकारी ने सभी अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) को इस आदेश का पालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश का उल्लंघन होने पर दोषी को दो वर्ष के कारावास और 2000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया जाएगा।

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