Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/upasanat/domains/upasanatv.com/public_html/wp-content/plugins/wordpress-seo-premium-temp/frontend/class-twitter.php on line 495
Devotional Places

बाबा मौजगिरी, इलाहाबाद

प्रस्तुति : अजामिल
सभी चित्र: विकास चौहान

यज्ञभूमि प्रयाग में लगभग 300 बरस पहले समस्त धार्मिक विधि विधान के साथ साधु संतों द्वारा कीटगंज स्थित यमुना तट पर प्राण प्रतिष्ठित मौजगिरी बाबा का अपनी तरह का अनोखा मंदिर विश्व भर के शिवभक्तों की श्रद्धा का केंद्र भरा हुआ है। इस मंदिर की सुरक्षा और संरक्षा की जिम्मेदारी जूना अखाड़े के साधु-संतों ने उठाई हुई है और उन्हीं के बनाए नियम और कानून से इस मंदिर में आध्यात्मिक अनुष्ठान होते हैं।

इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसमें शिव मंदिरों की प्राचीन शैली और परंपरा साफ देखने को मिलती है। यहां शिवलिंग की स्थापना ना होकर भगवान शिव की प्रतिमा ही प्राण प्रतिष्ठित की गई है। जिसके इर्द-गिर्द काफी बड़ा चबूतरा बना हुआ है जिस पर बैठकर धार्मिक अनुष्ठान होते हैं । भगवान शिव के चरणों के वंदन के लिए उनके पद चिन्ह वहां बहुत सुंदर कृति के रूप में मूर्ति के समक्ष रखे हुए हैं। भक्त मुख्य प्रतिमा को स्पर्श न करके उन्हीं चरणों पर अपना मस्तक रखते है।

यह पूरा मंदिर शांत भगवा रंग में रंगा हुआ है । प्रतिदिन यहां भगवान मौजगिरी बाबा की पूजा अर्चना होती है और बड़ी संख्या में क्षेत्रीय शिवभक्त एकत्र होते है। पहुचे हुए साधु संत जब इलाहाबाद आते हैं तो मौज गिरि बाबा के दर्शन के लिए जरूर आते हैं। अधिकतर यह मंदिर एकांत में डूबा रहता है। अन्य देवी देवताओं की स्थापना भी यहां की गई है लेकिन मुख्य रुप से यह मौज गिरी बाबा का ही मंदिर संबोधित किया जाता है। यहां आने पर अपार शांति मिलती है मौसम के तापक्रम में चाहे जैसे अंतर आ रहे हो , इस मंदिर में तापक्रम सामान्य बना रहता है और एक ठंडक अनुभव होती है ।

जूना अखाडा यह दावा करता है कि इस मंदिर की स्थापना उसी ने करवाई है लेकिन यह सच नहीं है। जूना अखाड़ा ने इस प्राचीन मंदिर के सेवा कार्य को केवल अपने हाथ में ले लिया है । मंदिर की स्थापना बहुत पहले हुई थी । पूरा मंदिर परिसर बहुत बड़ा है । इसमें एक बहुत बड़ी छत भी है यहां मौज गिरि बाबा जागृत है और अपने भक्तों की मुंह मांगी मुराद पूरी करते हैं । सैकड़ों लोग ऐसे हैं जो प्रतिदिन मौजगिरि बाबा के सानिध्य सुख के लिए इस मंदिर में पहुंचते हैं और आनंद का अनुभव करते हैं । आप कभी इलाहाबाद आएं तो सिर्फ यह देखने के लिए इस मंदिर में आये कि पुराने समय में भगवान शिव के मंदिर कैसे और कितने सुंदर हुआ करते थे ।

भगवान शिव यहां आकर मौजगिरी बाबा कैसे बन गए, इसका एहसास भी आपको तभी होगा जब आप मंदिर पर आकर अपने आप को सभी चिंताओं से मुक्त महसूस करेंगे । यहाँ सचमुच आनंद है मौज है मस्ती है धर्म है लेकिन धर्म का न कोई दबाव है ना कोई आतंक है । मौजगिरी बाबा की शरण में अगर कुछ है तो वह है पवित्र और निश्चल आनंद जिसने मौज गिरि बाबा को जीवंत कर रखा है । यहां का सन्नाटा भी आपसे बातें करता है आपको भक्ति के मार्ग पर ले जाता है मौजगिरी बाबा का मंदिर मंदिर कम, संतों की दहलीज ज्यादा है ।

Comments

comments

Upasana Desk

उपासना टीवी, दिल्ली एनसीआर से संचालित प्रतिष्ठित धार्मिक हिंदी मीडिया संसथान है। जो विगत 13 वर्षों से धर्म और सांस्कृतिक मीडिया में अग्रसर है। उपासना टीवी में हम आपकी धार्मिक समाचार को प्रकाशित करते हैं। आप अपनी खबरें और सुझाव हमें upasana.tv@gmail.com पर भेज सकते हैं या 9312827955 पर Whatsapp और 7011103242 पर Call कर सकते हैं।

error: Content is protected !!