उपासना डेस्क, नॉएडा: राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में हुई भारी बारिश का असर अब उत्तर भारत की मैदानी नदियों पर भी दिख रहा है। मध्य प्रदेश से निकलने वाली बेतवा, केन और राजस्थान की चंबल व क्वारी नदियाँ उफान पर हैं। इन नदियों का पानी यमुना के रास्ते प्रयागराज होते हुए गंगा में मिल रहा है, जिससे गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है। इसका सीधा असर वाराणसी में देखने को मिल रहा है।
गंगा के बढ़ते जलस्तर ने वरुणा नदी को भी प्रभावित किया है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है। कई मंदिर जलमग्न हो चुके हैं और प्रसिद्ध नमो घाट पूरी तरह से डूब गया है।
गंगा के जलस्तर की वर्तमान स्थिति
- केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, प्रयागराज से बलिया तक गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।
- वाराणसी में सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 69.92 मीटर पर था और यह 4 सेमी प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ रहा है।
- गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु (70.262 मीटर) के करीब पहुँच गया है।
- खतरा बिंदु 71.262 मीटर है, जबकि अधिकतम बाढ़ बिंदु 73.902 मीटर है।
- प्रशासन अलर्ट पर, निचले इलाकों में चिंता का माहौल
हालात को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों में चिंता का माहौल है क्योंकि जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है। प्रशासन ने आपातकालीन कदम उठाने की तैयारी कर ली है और निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की योजना बना रहा है। साथ ही, लोगों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह भी दी गई है।