महिला अघोरी शिवानी दुर्गा, सिंहस्थ में कैंप लगाएंगी। आज भूमि आवंटन को लेकर बुधवार को मुंबई से उज्जैन आईं।
नासिक कुंभ में महिला अखाड़े का गठन किया
उन्होंने बताया कि महिलाएं चांद पर पहुंच गई हैं इसलिए अध्यात्म के क्षेत्र में भी उन्हें सक्षम होना चाहिए। जानकारी के अभाव में महिलाएं पूजन-पाठ या समस्यसाएं दूर करवाने के लिए इधर-अधर भटकती हैं। यदि उन्हें अध्यात्म की जानकारी होगी तो वह स्वयं तय कर सकेंगी, कौन गलत है और कौन सही। इसी उद्देश्य से उन्होंने नासिक कुंभ के बाद सर्वेश्वरी शक्ति इंटरनेशनल वूमन अखाड़े का गठन किया। उनका कहना है कि हमारे अखाड़े का दूसरे अखाड़ों से कोई विवाद नहीं है।
शिकागो से की पीएचडी
अघोरी शिवानी दुर्गा मूलरूप से राजस्थान के अलवर जिले की हैं। 11 वर्ष की उम्र में उनकी मां का निधन हो गया। इसके बाद आत्मा या टोने-टोटके आदि के किस्से सुने तो उन्हें जानने की जिज्ञासा हुई। स्कूली शिक्षा के साथ ही पराविज्ञान की जानकारी भी जुटाना शुरू की, एमए और एमफिल किया। वर्ष 2006 में अघोरी बाबा नागनाथ योगेश्वर (मणिकरण घाट वाराणसी) के संपर्क में आईं। कुछ विद्याएं सीखीं। घर पर भी प्रयोग जारी रहे। वर्ष 2010 में पश्चिम बंगाल में तारनाथ से तंत्र साधना सीखी। वर्ष 2013 में नागनाथ योगेश्वर महाराज से अघोरी की दीक्षा ली। शिवानी दुर्गा ने शिकागो से पराविज्ञान पर रिसर्च कर डिग्री ली। इसके बाद दशमाह विद्या यंत्र तंत्र मंत्र में पीएचडी की और अभी विक्का तंत्र वूडू एक धर्म पर पीएचडी कर रही हैं।
Source: Patrika