प्रयागराज महाकुंभ में आस्था का एक अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। नाथ डेरा बास, हरियाणा से आए नागा संन्यासी महंत इंद्र गिरि जी महाराज, 97% खराब फेफड़ों के बावजूद, ऑक्सीजन सपोर्ट के सहारे महाकुंभ में शामिल हुए हैं।
2021 से फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे महंत जी को डॉक्टरों ने महाकुंभ में आने से मना किया था। लेकिन, मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में डुबकी लगाने की उनकी अटूट इच्छा उन्हें यहां खींच लाई। अखाड़े के अन्य संत और शिष्य उनकी सेवा में लगे हुए हैं।
उपासना टीवी से बातचीत में महंत जी ने बताया कि उनकी हालत ठीक नहीं है, फिर भी वह मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के तीनों प्रमुख शाही स्नानों में त्रिवेणी में डुबकी लगाकर अपना संकल्प पूरा करना चाहते हैं।
महंत जी का मानना है कि उनकी बीमारी अग्नि और तपस्या के कारण हुई है। डॉक्टरों ने उन्हें जवाब दे दिया था, लेकिन आस्था और भक्ति की शक्ति ने उन्हें जीवनदान दिया है।
यह कहानी आस्था, दृढ़ संकल्प और मानवता की भावना का प्रतीक है। महंत इंद्र गिरि जी महाराज का महाकुंभ में आना न केवल उनके लिए बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।