तक्षक तीर्थ-प्रयाग, कालसर्प दोषों के लिए यहाँ होती है शिव आराधना
प्रस्तुति-अजामिल, चित्र-विकास चौहान: यज्ञ भूमि प्रयाग आदिकाल से भगवान शिव की उपस्थिति से सुगंधित पावन स्थली रही है पृथ्वी के इस महत्वपूर्ण केंद्र पर विराज कर भगवान शिव समस्त जगत का कल्याण करते रहे हैं शिव के लिए प्रयाग का आकर्षण इसलिए भी रहा क्योंकि यहां आदिकाल से गंगा यमुना और सरस्वती के संगम के कारण विश्व भर से साधु संतों महात्माओं और ज्ञानियों तथा दानियों का मिलन होता रहा जो शिव को सदा प्रिय रहा।
प्रयाग में यमुना किनारे अवस्थित तक्षक तीर्थ आदिकाल से संरक्षित शेष अवशेष के साथ आज भी मौजूद है । पूर्वजों ने इसे यमुना तट के घने जंगलों में विधि विधान के साथ इस तरह स्थापित किया था कि भगवान शिव ने स्वयं वहां रहना स्वीकार किया प्रयाग में सैकड़ों शिव मंदिर है लेकिन तक्षक तीर्थ पूरे विश्व में एक है शिव भक्तों ने तक्षक तीर्थ को एक आकर्षक पावन स्थल में बदल दिया है यहां भगवान शिव की बड़ी ही आकर्षक पिंडी स्थापित है ।
सुबह शाम भगवान शिव की यहां भव्य आरती होती है और शिवरात्रि पर अनेक उत्सव होते हैं लाखो शिवभक्त तक्षक तीर्थ पर भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं कहा जाता है कि कालसर्प दोषों से मुक्ति के लिए तक्षक तीर्थ में की गई शिव साधना कभी विफल नहीं होती सावन के माह में तक्षक तीर्थ में अनेक सांपों का आना जाना लगा रहता है यह सांप किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते बस शिव दर्शन के बाद यह अपने आगे के मार्ग पर चले जाते हैं प्रयाग का यह तक्षक तीर्थ मन को अपार शांति देता है और यहां शिव साधना के लिए आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं प्रयाग आए तो तक्षक तीर्थ अवश्य पधारें आप जीवन में एक चमत्कारिक आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करेंगें । वर्तमान में तक्षक तीर्थ प्रयाग मे दरियाबाद मोहल्ले में अवस्थित है ।