रामघाट से महाकाल को सिंहस्थ आमंत्रण देने पहुंचेगी शोभायात्रा

सिंहस्थ से पहले शहर में सामाजिक समरसता की झलक देखने को मिलेगी। बुधवार सुबह 9 बजे भानपुरा पीठाधीश्वर के शंकराचार्य दिव्यानंदजी तीर्थ व बालयोगी उमेशनाथ के सान्निध्य में विभिन्न समुदाय के साधु, संत व महंत एक जगह एकत्रित होंगे। बुधवार सुबह मोक्षदायिनी शिप्रा तट स्थित वाल्मीकि घाट पर पं श्यामनारायण व्यास के आचार्यत्व में मां शिप्रा का पूजन कर चुनरी ओढ़ाई जाएगी।

महाकाल को सिंहस्थ आमंत्रण
बालयोगी उमेशनाथ महाराज ने बताया कि मां शिप्रा के पूजन के बाद बाबा महाकाल को सिंहस्थ आमंत्रण के देने के लिए वाल्मीकि धाम से यात्रा निकाली जाएगी, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए महाकाल मंदिर पहुंचेगी। यहां संत-महंतों की ओर से बाबा महाकाल का अभिषेक-पूजन कर सिंहस्थ को निर्विघ्नता से पूर्ण करने की कामना कर आमंत्रित किया जाएगा।

पहुंचेंगे देशभर के संत
सिंहस्थ सनातन धर्म का अनूठा पर्व है। सांप्रदायिक सद्भावना एवं सामाजिक समरसता इस देश के मूलतत्व हैं। इसके बाद भी सांप्रदायिकता पंथा-पंथी देश में व्याप्त है। विश्व में भारत की एकता का संदेश देने के लिए कार्यक्रम में देशभर के साधु संत वाल्मीकि धाम पहुंच रहे हैं। धर्म और संप्रदाय की एकता का संदेश देने आ रहे संतों का स्वागत व सत्कार देने के लिए प्रभारी मंत्री भूपेंद्रसिंह, सिंहस्थ केंद्रीय समिति अध्यक्ष माखन सिंह चौहान सहित अन्य समाजजन उपस्थित होंगे।

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