कुम्भ की तर्ज पर माघ मेला 2018 में आधुनिक सफाई व्यवस्था से लेस करने के लिए मण्डलायुक्त दिए निर्देश
कुम्भ की तर्ज पर इस वर्ष माघ मेले से ही सफाई व्यवस्था के आधुनिक प्रयोगों के साथ मेले को दिव्य, भव्य एवं साफ-सुथरा बनाते हुए आकर्षक एवं सुविधा सम्पन्न बनाये जाने की कवायते लगातार चल रही है। कुम्भ के सफाई व्यवस्था जो उच्चस्तरीय मानक निर्धारत किया गया है उसका औपचारिक प्रयोग माघ मेला2018 से ही प्रारम्भ करने के निर्देश मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल ने दिये है। सफाई व्यवस्था के जिन आधुनिक प्रयोगों को इसी वर्ष के माघ मेले से आजमाया जाना है उन्हें कई चरणों में विभक्त करते हुए वर्गीकृत ढंग एवं सुनियोजित तरीके पूरा किया जाना है। इस कार्य में यूपीएचएसएसपी के स्तर से तकनीकी सलाहकार भी इस कार्य हेतु नियुक्त किये गये है। इसकी प्रमुख श्रीमती सलोनी गोयल है।
इस सम्बन्ध में कई बार विचार मंथन के बाद माघ मेले में चल रही सफाई व्यवस्था को उच्चीकृत किये जाने के सम्बन्ध में मण्डलायुक्त कार्यालय स्थित गांधी सभागार में मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल की अध्यक्षता में जिलाधिकारी श्री सुहास एल.वाई., वीसी एडीए श्री भानुचन्द्र गोस्वामी, नगर आयुक्त श्री हरिकेश चौरसिया, अपर नगर आयुक्त श्रीमती ऋतु सुहास, यूपीएचएसएसपी की सलाहकार श्रीमती सलोनी गोयल, सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक में मण्डलायुक्त ने सबसे पहले सफाई की समस्याओं को वर्गीकृत रूप से चिंन्हित किया तथा उनके क्रमवार निस्तारण के लिए प्रयोग पर विचार विमर्श किया। बैठक में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आयी कि मेले के आयोजन के दौरान नियुक्त सफाई कर्मियो की कोई जनशक्ति प्रयोग में नही आती तथा उनके कार्य में निरन्तर उपस्थिति का कोई नियंत्रक संसाधन नही है इसलिए सफाई कर्मियों की लापरवाही एवं अनुपस्थिति की वजह से ठोस कचड़े का सही प्रबंधन समय से सुनिश्चित रखने पर बल दिया तथा जिलाधिकारी के साथ विचार करते हुए यह निर्देश दिया कि सफाई कर्मियों को बायोमेट्रिक अटेंडेंशन प्रतिदिन चार बार करायी जाय तथा हर शिफ्ट की कर्मचारियों की निरन्तर उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाय। इसके लिए उन्होंने आरएफआईडी टैग की व्यवस्था कराते हुए प्रतिदिन यह टैग सफाई कर्मियों के हाथ मे उसी प्रकार पहने रखने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये जिस प्रकार आजकल विभिन्न क्लब एवं भीड़ भाड़ स्थानों पर आगन्तुकों की जीओ टेगिंग के लिए इस टेग का इस्तेमाल किया जाता है। ड्यूटी मे तैनात कर्मचारी के हाथ यह टैग ड्यूटी प्रारम्भ करने के समय रोज पहना दिया जाये एवं ड्यूटी के दौरान मेले में उसकी उपस्थिति वाईफाई के माध्यम से कन्ट्रोल सिस्टम पर देखा जाय। इस वर्ष माघ मेले में प्रयोग के तौर पर कुल 14 सर्कल में 56 जगह शौचालय काम्पलेक्श बनाये जाने है। जिनमें एक काम्पलेक्श में अधिकतम 160 शौचालय उपलब्ध होगे। इन काम्पलेक्श में नियुक्त सफाई कर्मियों की बायोमेट्रिक हाजिरी एवं आरएफआईडी के द्वारा उनकी मौके पर निरन्तर उपस्थिति की व्यवस्था यथाशीघ्र सुनिश्चित कराने के निर्देश मण्डलायुक्त ने दिये। इस व्यवस्था के संरक्षण के लिए मेले में कार्यरत रहने वाली थर्ड पार्टी मानिटरिंग एजेंसी के माध्यम से व्यवस्था कराने पर विचार प्रस्तुत करने के निर्देश मण्डलायुक्त ने दिये।
इसी प्रकार शौचालय की निरन्तर सफाई के लिए पानी के टैंकर एवं काम्पलेक्स में उपलब्ध नल में प्रेशर पम्प लगाकर दिन में तीन बार शौचालय को साफ करने की व्यवस्था बनायी गयी। मेले मे स्वच्छता एवं सभी प्रकार के अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सीडीओ एवं अपर नगर आयुक्त को नियंत्रण करेंगे तथा अपेक्षिक स्तर की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। मण्डलायुक्त ने सीएमओ को एक वाक्य का निर्देश दिया कि इस वर्ष के माघ मेले से ही शौचालय का प्रबंध इस तरह किया जाये कि जिससे मेले को खुले मे शौच और शौचालय की दुर्गन्ध पूरी तरह से मुक्त रखा जाय। शौचालय काम्पलेक्श के भीतर भी दुर्गन्ध को रोकने के लिए डिपो डोरेन्ट जैसे पदार्थ धुलाई के समय उपयोग किये जाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में एक महत्वपूर्ण विचार-विमर्श के दौरान यूपीएचएसएसपी की सलाहकार श्रीमती सलोनी गोयल के दिये गये प्रस्ताव पर सहमति पूर्वक विचार किया गया कि शौचालयों के लिए शेफ्टी टैंक जमीन में मिट्टी के गड्ढे के स्थान पर प्लास्टिक के ट्रैंक लगाने जाय जिस प्रकार घरो की छतों पर पेयजल के लिए लगाये जाये है। टैंको की सफाई कराते हुए चोक समस्या को भी दूर किया जा सकता है। इसी प्रकार ठोस अपशिष्ट की व्यवस्था के लिए यूपीएचएसएसपी की सलाहकार श्रीमती सलोनी गोयल की देखरेख में व्यवस्था और तेज नियमित किया गया है। उसके स्थलीय उपयोग के अनुभवों पर विचार विमर्श किया तथा उससे सम्बन्धित आवश्यक व्यवस्था बनायी गयी। इस व्यवस्था में यह खास विशेषता होगी कि इसमें कूडा का एकीकरण एवं उसके निस्तारण स्थल तक पहुंचा देने तक कूडे को कही भी खुले में नही रहेगा। मेला क्षेत्र के प्रत्येक कैम्प से लेकर सड़क के किनारे हर 25 मीटर पर एक 200 लीटर की डस्टिबन जमीन में एक फुट नीचे ढसाकर स्थापित किया जाना प्रस्तावित है जिसके पूरे आन्तरिक क्षेत्र को प्लास्टिक बैंग की ढका जायेगा तथा भरी हुयी डस्टिबन से पूरा कूड़ा एक ही बैग से निकलकर हाथ गाडियों से टाटा एक्स की गाडियो में डाल दिया जायेगा एवं वहां से उन गाडियो से वह कूडा बन्द प्लास्टिक में तीन बार मेला क्षेत्र के बाहर कामप्रेक्टर तक पहुंचाया जायेगा एवं कामप्रेक्टर के द्वारा पूरे मेले के कूडे को कूडा निस्तारण स्थल तक ले जाया जायेगा। मण्डलायुक्त ने सीएमओ एवं अन्य अधिकारियों को यह निर्देश दिये कि कुम्भ की तर्ज पर इस माघ मेले से ही आधुनिक सफाई व्यवस्थाओं का संचालन प्रारम्भ किया जाय तथा हर स्तर में मेले को गंदगी एवं दुर्गन्ध से मुक्त रखा जाय।