कुम्भ मेला 2019 को स्वच्छ और आधुनिक शौचालय देने के लिए उतरी बड़ी कंपनी, 11 कम्पनियों ने किया प्रतिभाग

उपासना डेस्क, इलाहाबाद: कुम्भ 2019 में पूरे आयोजन को खुले में शौच से मुक्त रखने के लिए तैयारियां तेजी पर है। लगभग 20 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में प्रस्तावित कुम्भ आयोजन के लिए व्यापक संख्या में उच्चस्तरीय शौचालय तथा यूरिनल स्थापित किए जाने है। इसके लिए विगत माघ मेले में ही रिर्हसल के तौर पर शौचालयों की व्यवस्था सफल साबित हुई है। इस व्यवस्था को पूरे कुम्भ क्षेत्र में संचालित करने के लिए देशभर में कार्यरत अनुभवी एजेंसियो से उनका इच्छापत्र पिछले दिनों मांगा गया था जिसमें अनुभव सम्पन्न एजेंसी कुम्भ में कार्य करने के लिए अपनी रूचि जाहिर की तथा आज मण्डलायुक्त कार्यालय में अपना प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुतीकरण में आने वाली विष्टियों को मेला प्रशासन कुम्भ आयोजन की आवश्यकता के अनुरूप संकलित करते हुए अपने मानक निर्धारित करेगा तथा उन्हीं मानकों पर निविदा द्वारा शौचालय इत्यादि स्थापित करने हेतु एजेंसियों का चयन किया जायेगा।

इच्छापत्र वाली एजेंसियो में

  • यशोधरा रियल इस्टेट प्रा0 लि0
  • लल्लू जी एण्ड सनस
  • भूटानी इण्टरनेशनल प्रा0लि0
  • काया, नई दिल्ली
  • तुषार इण्टरप्राइजेज
  • साराप्लास्ट प्रा0 लि0
  • एन्कर कन्टेनर सर्विस प्रा0लि0
  • ग्रान्ड्यूर बिजनेस साॅल्यूशन्स प्रा0लि0
  • कासमास फाइबर ग्लास लि0
  • स्वच्छ सुदीप फाउण्डेशन
  • टीम पिक्सल पावर एण्ड एनर्जी एजेंसियों ने भाग लिया। इन एजेंसियों द्वारा प्रस्तुतीकरण दिए जाने के पूर्व मेला में स्वच्छता कार्यक्रम हेतु यू0पी0एच0एस0पी0सी0 की सलाहकार श्रीमती सलोनी गोयल ने इच्छुक एजेंसियों के प्रतिनिधियों को मेला क्षेत्र में स्वच्छता सम्बन्धी कार्यो के उच्च स्तर तथा भौगोलिक क्षेत्र के विविधताओं के बारे में बताया। श्रीमती गोयल ने एजेंसियों को बताया कि वे अपनी तैयारी करने के पूर्व आयोजन क्षेत्र की भौगोलिक विशेषताओं यथा मृदा की स्थिति (स्वाएल कन्डीशन), जलस्तर तथा आयोजन क्षेत्र के फैलाव को भली-भांति समझ ले। उन्होंने संगम नोज गंगा और यमुना के किनारे का मैदान, अरैल, झूसी, फाफामऊ आदि विभिन्न स्थानों की भूमि की बनावट और जलस्तर को समझकर ही आधुनिक शौचालय की स्थापना और संचालन की रूप रेखा बनाने को कहा।

मेलाधिकारी श्री विजय किरन आनन्द ने कम्पनिओं को अवगत कराते हुए कहा कि मेला प्रशासन का लक्ष्य पूरे मेला को ओडीएफ करना है। इसलिए पूरे मेला क्षेत्र के सार्वजनिक एवं रिहायसी क्षेत्रों में आधुनिक शौचालय स्थापित किये जाने है। इसके लिए सभी कम्पनियां अपनी तकनीकी विशेषताओं का प्रदर्शन करे तथा आज प्रेजेटेशंन तकनीकी विशेषताओ की प्रतिस्पर्धा जैसा है। मेलाधिकारी ने बताया कि आगामी 1 माह के भीतर निविदा द्वारा चयनित कम्पनी के विशिष्टियों के मानक पर कार्य करने हेतु निविदा द्वारा चयनित कर लिया जायेगा तथा उन्हे कार्यादेश भी दे दिया जायेगा। चयनित एजेंसी को हर हाल मे अक्टूबर 2018 तक मेला क्षेत्र में टायलेट पहुंचा देने होंगे तथा नवम्बर 2018 के अन्त में उन्हे कार्य के योग्य बना लेना होगा।

मेलाधिकारी ने कहा कि 15 दिसम्बर से 15 मार्च के बीच लगभग 90 दिनों की अवधि में स्थापित शौचालय और सफाई व्यवस्था को कार्यरत रखा जायेगा तथा एजेंसी का चयन निविदा के द्वारा गुणवत्ता और मितव्यता के आधार पर किया जायेगा।

कम्पनियों द्वारा दिये गये प्रेजेटेंशन में कम्पनियों के अनुभव, उनकी तकनीक, उनकी विशेषताओं उनके द्वारा प्रस्तावित ले आउट, टायलेट के बनावट मे प्रयुक्त की जाने वाली साम्रगी उसके मेनेटेशन तथा सेफ्टिक टैंको के इवेक्यूशन की व्यवस्था पर विचार करते हुए हर प्रेजेटेंशन को देखा गया।

यू0पी0एच0एस0पी0सी0 की सलाहकार श्रीमती गोयल द्वारा विशेष तौर पर शौचालय के स्थान पर साइनेज तथा उनके स्थापना एवं तरल कचरे के प्रबंधन पर विशेष बल दिया गया। इसी प्रकार शौचालय के अतिरिक्त पूरे मेला क्षेत्र के लिए यूरिनर स्थापित किये जाने हेतु भी व्यवस्था का परीक्षण किया गया। सामान्य तौर पर सैफ्टी टैंक स्थापित किये जाने वाले शौचालयो में फाइबर शीट के शौचालय तथा उनके लिए सेफ्टी टैंक के निर्माण के साथ तरल कचरे के सक्शन एवं उसकी धुलाई मे लगने वाली गाडियो एंव जनशक्ति की आवश्यकता पर भी विचार-विमर्श किया गया।

यू0पी0एच0एस0पी0सी0 की सलाहकार श्रीमती गोयल ने अवगत कराया कि शौचालय की बेहतर व्यवस्था कम समय तथा कम कीमत की मेनेटेशन की व्यवस्था के साथ सबसे अधिक आधुनिक तकनीक प्रस्तुत करने वाले कम्पनी का चयन किया जायेगा।