सोनम वांगचुक की संस्था SECMOL पर केंद्र की बड़ी कार्रवाई, FCRA लाइसेंस रद्द

केंद्र सरकार ने लद्दाख स्थित सोनम वांगचुक की संस्था SECMOL का FCRA पंजीकरण रद्द कर दिया है। गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया कि संस्था ने विदेशी फंडिंग का गलत इस्तेमाल किया और कुछ गतिविधियां राष्ट्रीय हित के विपरीत पाई गईं।

केंद्र सरकार ने पर्यावरण कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की संस्था SECMOL (Students Educational and Cultural Movement of Ladakh) का FCRA पंजीकरण रद्द कर दिया है। गृह मंत्रालय ने यह कदम विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के कथित उल्लंघन और राष्ट्रीय हित के खिलाफ गतिविधियों की आशंका को देखते हुए उठाया।

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, SECMOL ने स्वीडन की एक संस्था से 4.93 लाख रुपये “देश की संप्रभुता” विषय पर अध्ययन करने के लिए प्राप्त किए थे। मंत्रालय का कहना है कि इस अध्ययन को राष्ट्रीय हित के प्रतिकूल माना गया। इसके अलावा, संस्था पर करीब 3.25 लाख रुपये की अन्य विदेशी फंडिंग को गलत तरीके से दर्ज करने का भी आरोप है।

इससे पहले, मंत्रालय ने 20 अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी कर SECMOL से स्पष्टीकरण मांगा था कि उसका FCRA लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। लेकिन संस्था की ओर से मिले जवाब को सरकार ने असंतोषजनक मानते हुए यह कठोर कदम उठाया।

SECMOL लद्दाख में शिक्षा, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय रही है। सोनम वांगचुक की पहचान एक शिक्षा सुधारक और जलवायु कार्यकर्ता के रूप में रही है, जिन्होंने हाल ही में लद्दाख की पारिस्थितिकी और स्थायी विकास के मुद्दों पर कई बार सरकार का ध्यान आकर्षित किया।

इस फैसले के बाद अब SECMOL विदेशी फंडिंग प्राप्त नहीं कर सकेगी। संस्था को यदि आगे कार्य करना है तो उसे घरेलू चंदे और भारतीय स्रोतों से ही वित्तीय सहयोग जुटाना होगा।

👉 यह मामला अब न सिर्फ कानूनी और प्रशासनिक बहस का विषय बन गया है, बल्कि लद्दाख में वांगचुक की बढ़ती सामाजिक और राजनीतिक सक्रियता के संदर्भ में भी चर्चा का केंद्र है।