10 सितंबर – राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में दो दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर के 20 राज्यों से आए एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसियों (ITDA) के परियोजना अधिकारी, राज्य जनजातीय सचिव और आयुक्त शामिल हुए। यह सम्मेलन ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के अंतर्गत आयोजित हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य जनजातीय विकास की भावी दिशा और साझा रणनीति तैयार करना रहा।
दो मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च
कार्यक्रम के दौरान जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने दो अहम मोबाइल ऐप –
- ‘आदि संस्कृति’
- ‘आदि वाणी’
का शुभारंभ किया।
‘आदि संस्कृति’ ऐप जनजातीय समुदाय की परंपराओं, खानपान, इतिहास, संस्कृति और पारंपरिक ज्ञान को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराता है।
‘आदि वाणी’ ऐप जनजातीय समुदाय की चार प्रमुख बोलियों के अनुवाद की सुविधा देता है, जिससे भाषाई संरक्षण और संवाद को बढ़ावा मिलेगा।
राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने कहा – “जनजातीय समाज के समग्र विकास के लिए तकनीक का उपयोग आवश्यक है। आज लॉन्च किए गए ये ऐप्स उनके ज्ञान और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।”
‘आदि कर्मयोगी अभियान’ की विशेषता
‘आदि कर्मयोगी अभियान’ को दुनिया का सबसे बड़ा जमीनी स्तर का जनजातीय नेतृत्व कार्यक्रम माना जाता है। यह अभियान सामाजिक परिवर्तन का उत्प्रेरक बनने के साथ-साथ समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है।
सम्मेलन की मुख्य बातें
- नीति निर्माण और जनजातीय विकास की पहलों पर चर्चा
- विभिन्न राज्यों के क्षेत्रीय अनुभवों का आदान-प्रदान
- साझा रोडमैप और कार्ययोजना तैयार करना
- सांस्कृतिक संरक्षण और तकनीकी सशक्तिकरण पर जोर
इस सम्मेलन ने न केवल जनजातीय समुदाय के विकास की दिशा में नई संभावनाओं को जन्म दिया बल्कि डिजिटल इंडिया के तहत उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने का मार्ग भी प्रशस्त किया।