करवाचौथ पर वर्षो बाद ऐसे विशेष योग – पंडित सोमेश्वर जोशी
कार्तिक कृष्ण पक्ष में करक चतुर्थी अर्थात करवा चौथ का लोकप्रिय व्रत सुहागिन और अविवाहित स्त्रियां पति की मंगल कामना एवं दीर्घायु के लिए निर्जल व्रत रख कर कल यह करवा चौथ मनायेगी। इस दिन न केवल चंद्र देवता की पूजा होती है अपितु शिव-पार्वती और कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है। इस दिन विवाहित महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए गौरी पूजन का भी विशेष महात्म्य है।
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इस वर्ष, यह व्रत विशेष रूप से फलदायी होगा। ज्योतिर्विद् पंडित सोमेश्वर जोशी ने बताया की इस बार करवाचौथ का महासंयोग बना है। यह सहयोग दो उत्सव की यद् दिलाता है जिसमे रोहिणी नक्षत्र, बुधवार, सर्वार्थ सिद्धि योग एवं चतुर्थी का संयोग इसी दिन है जो करवा चौथ व् कृष्ण जन्म के समय थे जो ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत अच्छा माना जाता है। गणेश, शिव कृष्ण, राधा जी की पूजा का भी विशेष महत्व रहेगा। चंद्रमा स्वयं, शुक्र की राशि वृष में उच्च के होंगे । बुध स्वराशि कन्या में और शुक्र व शनि एक ही राशि में विराजमान होंगे। यही नहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी शुक्र प्रेम का परिचायक है। इस दिन शुक्र ग्रह, मंगल की राशि वृश्चिक में है जिससे संबंधों में उष्णता रहेगी। ऐसे समय में प्रेम, विवाह में आने वाली समस्याओ के उपाय करना सर्वश्रेष्ठ शुभफलकारी होगा। उसके साथ कृष्ण जन्माष्टमी के योग होने से संतान प्राप्ति के लिए की गयी उपासना भी विशेष फलदायी होगी। ऐसे समय में सोने चाँदी हीरे मोती की वस्तुए उपहार मेने देने से प्रेम अमर बना रहेगा।
मंगलवार की रात्रि 11 बजे तक तृतीया तिथि रहेगी और इसके बाद से चतुर्थी तिथि आरंभ होकर बुधवार की सायं 07.33 बजे तक रहेगी । चंद्रोदय रात्रि 9:10 पर होगा।