अचला भानु सप्तमी: इस दिन प्रकट हुए थे सात घोड़ों के रथ पर सवार हो कर भगवान सूर्य

अचला भानु सप्तमी भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना का एक विशेष दिन है। पौराणिक ग्रंथों में इस दिन को बहुत शुभ माना गया है। यह तब मनाया जाता है जब किसी महीने में रविवार के दिन सप्तमी तिथि का योग बनता है। वर्ष 2016 में यह 31 जनवरी को मनाई जाएगी।

अचला भानु सप्तमी व्रत
मान्यता है कि भानु सप्तमी के दिन ही भगवान सूर्य सात घोड़ों के रथ पर सवार हो कर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन उनकी उपासना का विशेष महत्व है। जब माघ महीने में भानु सप्तमी का संयोग बनता है तब उसे अचला भानु सप्तमी व्रत कहा गया है। यह बहुत ही दुर्लभ है।

भानु सप्तमी का महत्व और फल
पौराणिक ग्रंथों और शास्त्रों में भानु सप्तमी व्रत बहुत प्रशंसा की गई है। इस दिन भगवान सूर्यनारायण के निमित्त व्रत करते हुए उनकी उपासना करने से अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।

  • यह व्रत करने से काया (शरीर) नीरोग रहती है। स्मरण-शक्ति बढ़ती है।
  • भगवान सूर्यदेव को जल का अर्घ्य देने से बुद्धि का विकास होता हैं, मानसिक शांति मिलती हैं।
  • इस दिन दान करने से घर में लक्ष्मी का वास होता हैं |
  • सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं। उनके नाम का जप, होम, दान आदि करने पर अनंत गुना फल प्राप्त होता है। उनकी कृपा से मनुष्य सब रोगों से मुक्त है। जो भक्ति और भाव से भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर नमन करता है, वह कभी भी दु:खी और शोकग्रस्त नहीं रहता है।

Comments

comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Open chat
Hi, Welcome to Upasana TV
Hi, May I help You