देशभर में शारदीय नवरात्रि की भक्ति लहर देखने को मिल रही है। नौ दिनों तक मां दुर्गा की विधिवत पूजा-अर्चना के बाद अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। इस बार कन्या पूजन कब करना है और इसके सही मुहूर्त कौन से हैं, आइए जानते हैं विस्तार से—
अष्टमी और नवमी तिथि 2025
- अष्टमी तिथि प्रारंभ: 29 सितंबर 2025, शाम 4:31 बजे
- अष्टमी तिथि समाप्त: 30 सितंबर 2025, शाम 6:06 बजे
उदया तिथि के अनुसार दुर्गाष्टमी 30 सितंबर 2025 (मंगलवार) को मनाई जाएगी। - नवमी तिथि प्रारंभ: 30 सितंबर 2025, शाम 6:06 बजे
- नवमी तिथि समाप्त: 1 अक्तूबर 2025, शाम 7:02 बजे
इस प्रकार महानवमी 1 अक्तूबर 2025 (बुधवार) को होगी।
कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त
अष्टमी पर (30 सितंबर 2025):
- प्रातः 5:00 बजे से 6:12 बजे तक
- प्रातः 10:40 बजे से दोपहर 12:10 बजे तक
नवमी पर (1 अक्तूबर 2025):
- प्रातः 4:53 बजे से 5:41 बजे तक
- प्रातः 8:06 बजे से 9:50 बजे तक
👉 शाम 7:02 बजे तक नवमी मान्य रहेगी, इसलिए अन्य समय पर भी कन्या पूजन किया जा सकता है।
कन्या पूजन विधि
- सबसे पहले मां दुर्गा की पूजा करें और उन्हें हलवा, पूरी व चने का भोग लगाएं।
- 2 साल से 9 साल तक की कन्याओं को आमंत्रित करें और सम्मानपूर्वक बैठाएं।
- उनके चरण धोकर उन्हें तिलक लगाएं।
- कन्याओं को हलवा, पूरी, खीर व फल खिलाएं।
- भोजन के बाद दक्षिणा, उपहार या वस्त्र भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त करें।
- अंत में कन्याओं के चरण स्पर्श कर क्षमा याचना करें।