स्वस्थ गोरखपुर विजन 2047: एम्स, बीआरडी मेडिकल कॉलेज और आईएमए ने दिए सुझाव

गोरखपुर में शताब्दी संकल्प-2047 अभियान के तहत स्वास्थ्य सत्र आयोजित हुआ। एम्स, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और आईएमए सहित विशेषज्ञों ने “स्वस्थ गोरखपुर विजन 2047” पर सुझाव दिए। बैठक में स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत बनाने और बड़े अस्पतालों पर भार कम करने पर जोर दिया गया।

गोरखपुर। ‘सशक्त, समृद्ध, आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ के लिए चल रहे शताब्दी संकल्प-2047 अभियान के अंतर्गत एनेक्सी भवन सभागार में शनिवार को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में एम्स गोरखपुर, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय, गुरू गोरखनाथ विश्वविद्यालय मेडिकल कॉलेज, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और निजी चिकित्सा क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

आयोजन का नेतृत्व जिलाधिकारी दीपक मीणा और मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी ने किया। बैठक में बुद्धिजीवियों और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने मिलकर “स्वस्थ गोरखपुर विजन 2047” पर गहन मंथन किया।

एम्स गोरखपुर के पूर्व निदेशक और प्रबुद्ध वर्ग के प्रतिनिधि सेवानिवृत्त आईएएस देश दीपक वर्मा ने उपस्थित सभी लोगों से विजन डॉक्यूमेंट के लिए क्यूआर कोड के जरिए सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि गोरखपुर ने इंसेफेलाइटिस जैसी चुनौती पर काबू पाया है, अब समय है कि स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को और मज़बूत बनाया जाए।

एम्स की कार्यकारी निदेशक सेवा. मेजर जनरल विभा दत्ता ने बताया कि संस्थान न केवल परिसर में बल्कि समुदायों में जाकर भी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। वहीं, गुरू गोरखनाथ विश्वविद्यालय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनुराग श्रीवास्तव ने कैंसर से बचाव के लिए फाइबर युक्त भोजन को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

बैठक का संचालन करते हुए सीएमओ डॉ राजेश झा ने कहा कि जिले की स्वास्थ्य प्रणाली को इस तरह विकसित करना है कि छोटी बीमारियों का इलाज स्थानीय स्तर पर हो और बड़े अस्पतालों पर अनावश्यक भार न पड़े। उन्होंने गोरखपुर में अर्बन सीएचसी की स्थापना पर बल दिया और सी-सेक्शन प्रसव में आई वृद्धि को जिला अस्पताल की उपलब्धि बताया।

इस अवसर पर डॉ बीएन सिंह, डॉ उपेंद्र, विनय कृष्ण मिश्र, डॉ रामकुमार जायसवाल, डॉ प्रतिभा गुप्ता (अध्यक्ष, आईएमए) समेत कई विशेषज्ञ मौजूद रहे और विजन डॉक्यूमेंट को लेकर अपने सुझाव दिए।

बैठक से मिले सभी सुझाव सरकार को भेजे जाएंगे ताकि उन्हें विजन डॉक्यूमेंट 2047 में शामिल किया जा सके और गोरखपुर को एक स्वस्थ, सशक्त और आत्मनिर्भर जिले के रूप में विकसित किया जा सके।