किताबों और साहित्य के महाकुंभ का आगाज़ आज लखनऊ विश्वविद्यालय में हुआ। चौथे गोमती पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित यह महोत्सव 20 से 28 सितंबर तक चलेगा।
उद्घाटन समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश के. अवस्थी, पद्मश्री अभिनेता-निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे, कुलपति प्रो. मनुका खन्ना और एनबीटी निदेशक युवराज मलिक भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री का संदेश : “पुस्तकें जीवन की सच्ची मार्गदर्शक”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूली बच्चों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पुस्तकें भेंट कीं। उन्होंने कहा – “भारत की परंपरा पढ़ने और आगे बढ़ने की रही है। प्रधानमंत्री का ‘जब नागरिक पढ़ेंगे, तब देश आगे बढ़ेगा’ का संदेश इसी दिशा में मार्गदर्शक है। बच्चों को पाठ्यपुस्तकों के साथ अन्य किताबें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। एक अच्छी किताब जीवन का पथप्रदर्शक बन सकती है।”
उन्होंने सभी विद्यार्थियों से अपील की कि वे पुस्तक महोत्सव से कम से कम एक किताब जरूर खरीदें और स्मार्टफोन की जगह किताबों से जुड़ें। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि गोरखपुर पुस्तक महोत्सव आगामी नवंबर के प्रथम सप्ताह में आयोजित होगा।
विचार और विमर्श
एनबीटी अध्यक्ष प्रो. मराठे ने सप्ताहिक समूह पठन की सलाह दी। लेखक-निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने वेदों और नालंदा के उदाहरण देते हुए साहित्य की अमरता पर प्रकाश डाला। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और मुद्रित पुस्तकों के महत्व पर जोर दिया।
समापन संबोधन में एनबीटी निदेशक युवराज मलिक ने कहा कि “ज्ञान हम सबको जोड़ता है और हर व्यक्ति में एक पाठक, लेखक और कलाकार छिपा है। उत्तर प्रदेश ने देश में सबसे अधिक पुस्तक वितरण कर यह संदेश दिया है कि हर गांव में पुस्तकालय होना चाहिए।”
साहित्य और संस्कृति का संगम
पहले दिन की साहित्यिक प्रस्तुतियों में गुलाब कोठारी की पुस्तक “स्त्री: देह से आगे” और नीरज वशिष्ठ की “किम एंड कृष्णा” पर चर्चा हुई। शाम को भातखंडे संस्कृत विश्वविद्यालय के कलाकारों ने शास्त्रीय वाद्य रागों की प्रस्तुति दी।
पाठकों का उत्साह
पहले दिन ही हजारों पुस्तकप्रेमी 200 से अधिक बुकस्टॉल्स पर पहुंचे। 225 से अधिक प्रकाशक हिंदी, अंग्रेजी और भारतीय भाषाओं की नई किताबें लेकर आए हैं। साथ ही राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय (REP App) के जरिए 3,000 से अधिक ई-पुस्तकों तक निःशुल्क पहुंच उपलब्ध है। एनबीटी की किताबों पर 10% तक की छूट भी दी जा रही है।
कब और कहां
- स्थान : लखनऊ विश्वविद्यालय
- तारीख : 20 – 28 सितंबर 2025
- समय : सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक
- प्रवेश : निःशुल्क
यह महोत्सव केवल किताबों का मेला नहीं, बल्कि विचारों, सृजनात्मकता और संस्कृति का उत्सव है।