छिंदवाड़ा कफ सिरप मौत कांड पर डॉक्टर की गिरफ्तारी से भड़का IMA, हड़ताल की चेतावनी

छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत के बाद एक सरकारी डॉक्टर की गिरफ्तारी पर IMA भड़क गया है। संगठन ने इसे अन्याय बताते हुए मंगलवार से प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी है, जबकि सरकार ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

IMA हड़ताल छिंदवाड़ा कफ सिरप मौत

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बच्चों की मौतों ने पूरे देश को झकझोर दिया है। कथित तौर पर दूषित Coldrif कफ सिरप पीने के बाद 14 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में अब नया विवाद खड़ा हो गया है। सरकार ने एक सरकारी डॉक्टर को गिरफ्तार किया, तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) भड़क उठा।
आईएमए ने इसे न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन बताया है और मंगलवार से प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी है।


डॉक्टर की गिरफ्तारी पर IMA का गुस्सा सातवें आसमान पर

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिलीप भुनशाली ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, जांच पूरी हुए बिना किसी चिकित्सक को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा —

“छिंदवाड़ा में रात ढाई बजे एक सरकारी डॉक्टर को जेल भेज दिया गया है, जबकि वास्तविक जिम्मेदारी दवा निर्माता और औषधि नियंत्रण अधिकारियों की है। सरकार अपनी लापरवाही का ठीकरा चिकित्सकों पर न फोड़े।”

आईएमए ने मांग की है कि गिरफ्तार डॉक्टर को तुरंत रिहा किया जाए और घटना की निष्पक्ष जांच की जाए।


मंगलवार से हड़ताल की घोषणा

आईएमए मध्य प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. बी.एम. शरणागत ने कहा कि छिंदवाड़ा में हुए घटनाक्रम से डॉक्टर आहत हैं।
उन्होंने कहा —

“कोई भी डॉक्टर मरीज की जान से नहीं खेलता। अगर बिना जांच गिरफ्तारी की जाएगी तो डॉक्टर और मरीज के बीच का भरोसा खत्म हो जाएगा।”

आईएमए ने बताया कि प्रशासन ने उनका ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद मंगलवार से सभी सदस्य चिकित्सक अवकाश पर रहेंगे


क्या है छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड?

घटना की शुरुआत 2 सितंबर 2025 से मानी जा रही है, जब चार वर्षीय शिवम नामक बालक की मौत Coldrif सिरप के सेवन के बाद हुई।
इसके बाद कई अन्य बच्चों ने खांसी, उल्टी, पेशाब कम होना और किडनी फेल्योर जैसे लक्षण दिखाए।
अब तक लगभग 14 बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

प्रारंभिक जांच में सिरप में विषाक्त रासायनिक तत्व Diethylene Glycol (DEG) की मौजूदगी की संभावना जताई गई है। यही रसायन 2022 में गाम्बिया (Gambia) में 70 बच्चों की मौत का कारण बना था।


सरकार की प्रतिक्रिया — “दोषियों को नहीं बख्शेंगे”

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इस पूरे मामले में किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।
राज्य सरकार ने तत्काल Coldrif सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है और उसका स्टॉक जब्त कर लिया गया है।

मुख्य कदम:

  • औषधि निरीक्षक गौरव शर्मा और शरद जैन निलंबित
  • उप संचालक शोभित कोस्टा निलंबित
  • राज्य औषधि नियंत्रक दिनेश मौर्य का स्थानांतरण
  • SIT जांच दल गठित, सैंपल पुणे लैब व नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए

जिम्मेदारी का सवाल — डॉक्टर या दवा निर्माता?

IMA ने यह भी सवाल उठाया है कि जब दवा बाजार में वैध रूप से बिक रही थी, तो डॉक्टर को उसकी शुद्धता कैसे पता होती?
IMA के अनुसार, दोष औषधि निर्माण कंपनी और नियामक एजेंसियों का है, जिन्होंने जहरीली दवा को बाजार में आने दिया।


परिवारों का दर्द और जनविश्वास का संकट

इन मौतों ने न सिर्फ परिवारों की दुनिया उजाड़ दी, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
परिजन न्याय की गुहार लगा रहे हैं, वहीं डॉक्टरों की हड़ताल से आम जनता को स्वास्थ्य सेवाओं के बाधित होने का डर सता रहा है।


सुधार की ज़रूरत — क्या सीखेगा तंत्र?

यह घटना भारत की दवा सुरक्षा प्रणाली और चिकित्सकीय जवाबदेही दोनों के लिए चेतावनी है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि:

  • दवा निरीक्षण तंत्र को तकनीकी और जनशक्ति दोनों रूपों में सुदृढ़ किया जाए।
  • दवा निर्माता कंपनियों की नियमित क्वालिटी ऑडिट अनिवार्य की जाए।
  • डॉक्टर गिरफ्तारी नियमों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का सख्ती से पालन हो।
  • जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित दवा उपयोग की जानकारी दी जाए।

“छिंदवाड़ा कफ सिरप मौत कांड” केवल एक स्थानीय त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे देश की दवा सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल है।
जहां एक ओर सरकार को दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए, वहीं डॉक्टरों के साथ न्याय और पारदर्शी जांच भी आवश्यक है।

यदि आईएमए की हड़ताल लंबी खिंचती है, तो प्रदेश में चिकित्सा सेवाएं ठप पड़ सकती हैं।