चार दिवसीय छठ महापर्व 2025 का आज दूसरा दिन है, जिसे खरना के नाम से जाना जाता है। इस दिन श्रद्धालु सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला उपवास रखते हैं और सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलते हैं।
कल पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से हुई थी, जिसमें व्रती स्नान कर पवित्र भोजन ग्रहण करते हैं। छठ पर्व सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का पर्व है, जो पवित्रता, कृतज्ञता और कल्याण की भावना का प्रतीक माना जाता है।
सूर्य उपासना और श्रद्धा का पर्व
खरना के दिन व्रती दिनभर अन्न-जल ग्रहण नहीं करते। सूर्यास्त के समय दूध, गुड़, चावल से बनी खीर और रोटी का प्रसाद बनाकर सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर उपवास समाप्त किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएँ
छठ पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएँ दी हैं।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री ने सभी व्रतियों की अटूट भक्ति को नमन किया और छठी मैया को समर्पित एक भक्ति गीत भी साझा किया।
उन्होंने कामना की कि छठी मैया सभी पर अपनी असीम कृपा बनाए रखें और सभी के जीवन में सुख-समृद्धि लाएँ।
आस्था और लोक परंपरा का संगम
छठ पूजा भारत के पूर्वी हिस्सों—बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों—में बड़े उत्साह से मनाई जाती है। यह पर्व न केवल सूर्य उपासना का प्रतीक है बल्कि परिवार, पर्यावरण और प्रकृति के प्रति आभार का भी उत्सव है।
खरना के दिन की तपस्या और श्रद्धा छठ महापर्व की आत्मा है। सूर्य देव और छठी मैया की आराधना से यह पर्व आस्था, शुद्धता और सामूहिक सद्भाव का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है।




