मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आने वाले वर्षों में उज्जैन न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश और दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए और अधिक भव्य स्वरूप में आकर्षण का केंद्र बनेगा। वे कल उज्जैन के गोपाल मंदिर, छत्री चौक क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने 79 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले विभिन्न विकास कार्यों का भूमि-पूजन किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन परियोजनाओं में रीगल टॉकीज क्षेत्र का विकास, सिंहस्थ-2028 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए मार्ग चौड़ीकरण, यातायात व्यवस्था सुधार और आधारभूत ढाँचे से जुड़े कई कार्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ महापर्व केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक और वैश्विक महत्व का उत्सव है, जिसके लिए सरकार पूरी गंभीरता से तैयारी कर रही है।
कार्यक्रम में रीगल टॉकीज क्षेत्र के उन्नयन पर आधारित एक लघु फिल्म का भी प्रसारण किया गया। फिल्म में बताया गया कि इस क्षेत्र के पुनर्विकास से न केवल स्थानीय नागरिकों को लाभ मिलेगा, बल्कि आने वाले श्रद्धालुओं को भी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन विश्व का प्राचीनतम धार्मिक और सांस्कृतिक नगर है, जिसे और सुसज्जित करके प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में उज्जैन का स्वरूप ऐसा होगा कि यहाँ आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालु और पर्यटक अद्वितीय अनुभव लेकर जाएंगे।
उन्होंने नगर निगम, विकास प्राधिकरण और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विकास कार्य समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरे किए जाएँ, ताकि सिंहस्थ-2028 तक उज्जैन नई पहचान के साथ दुनिया के मानचित्र पर और मजबूती से स्थापित हो सके।