अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से अपनी पूर्णता की ओर अग्रसर है। ग्राउंड, प्रथम और द्वितीय तल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, जिससे मंदिर का विराट स्वरूप साकार हो रहा है। इस बीच, एक नई और महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है कि अब रामलला के दिव्य आभूषणों में सोने के साथ-साथ एक विशेष हीरे का आभूषण भी शामिल किया जाएगा।
यह निर्णय रामलला की शोभा को और भी अधिक बढ़ाने के लिए लिया गया है। देशभर से भक्तों ने मंदिर निर्माण के लिए दिल खोलकर दान दिया है, जिसमें सोना और हीरे जैसी बहुमूल्य वस्तुएं भी शामिल हैं। मुंबई के एक डायमंड व्यापारी ने अकेले ही 70 करोड़ रुपये का सोना दान किया है, जिसका उपयोग मंदिर की भव्यता में किया गया है। यह दान भक्तों की असीम श्रद्धा का प्रतीक है।
मंदिर निर्माण की प्रगति और भविष्य की योजनाएँ
राम मंदिर के मुख्य निर्माण कार्य का बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है। मंदिर के शिखर पर 176 स्वर्ण कलश स्थापित किए गए हैं, जो सूर्य की रोशनी में अद्भुत चमक बिखेरते हैं। मंदिर का परकोटा (परिक्रमा मार्ग), जिसमें छह और छोटे मंदिर बनाए जा रहे हैं, का कार्य सितंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके अतिरिक्त, कुबेर टीला पर पहले से ही जटायु की भव्य मूर्ति स्थापित की जा चुकी है, और पुराने मंदिर स्थल को भी संरक्षित किया जाएगा।
मंदिर निर्माण से जुड़ी दो बड़ी परियोजनाएँ 2026 तक पूरी होंगी। इनमें एक अत्याधुनिक ऑडिटोरियम और एक भव्य म्यूजियम शामिल है। ये दोनों ही संरचनाएं मंदिर परिसर की शोभा बढ़ाएंगी और भक्तों को राम मंदिर के इतिहास, संस्कृति और निर्माण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करेंगी। मंदिर से जुड़े अन्य सभी कार्य दिसंबर 2025 तक पूरे हो जाएंगे, जिससे मंदिर का संपूर्ण परिसर भक्तों के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
अभूतपूर्व दान और आस्था का सैलाब
मंदिर निर्माण के लिए भक्तों द्वारा दिए गए दान का आंकड़ा हैरान करने वाला है। अभी तक दान में मिले सोना, चांदी और हीरों का वजन और मूल्य अविश्वसनीय है। यह दान सिर्फ धन नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। राम मंदिर का निर्माण केवल एक इमारत का निर्माण नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण है, जो भारतीय सभ्यता के गौरव को पुनर्स्थापित कर रहा है।