GST काउंसिल की 56वीं बैठक आज से नई दिल्ली में शुरू हो गई है और 4 सितंबर तक चलेगी। बैठक में सरकार GST स्लैब में बड़े बदलाव पर चर्चा कर रही है, जिससे आम उपभोक्ताओं और छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक, घी, मक्खन, टूथपेस्ट, शैंपू, पनीर और मिल्क पाउडर जैसे रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले सामान, जिन पर अभी 12% और 18% GST लगता है, उन्हें 5% स्लैब में लाने का प्रस्ताव है। इस कदम से न केवल कीमतें घटेंगी, बल्कि खपत में भी इज़ाफ़ा होगा।
उद्योग जगत की राय
एक्सपर्ट्स का मानना है कि टैक्स कटौती से खपत तेज़ी से बढ़ेगी और वित्त वर्ष 2026 से 2031 उपभोक्ता ड्यूरेबल्स के लिए सुनहरा दौर साबित हो सकता है।
फूड सेक्टर से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि घी जैसे उत्पाद, जिसकी सालाना बिक्री लगभग ₹35,000 करोड़ है, इस बदलाव से सबसे अधिक लाभान्वित होंगे।
SME चैंबर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष चंद्रकांत सालुंखे ने कहा कि यह निर्णय छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
कौन-कौन से सेक्टर होंगे प्रभावित
सस्ते हो सकते हैं:
- रोज़मर्रा की चीज़ें: घी, मक्खन, पनीर, टूथपेस्ट, शैंपू, मिल्क पाउडर
- हेल्थ सेक्टर: दवाइयाँ और मेडिकल उपकरण
- निर्माण क्षेत्र: सीमेंट
- ऑटो सेक्टर: कुछ श्रेणी की कारें
महंगे हो सकते हैं:
- लग्ज़री कारें और एसयूवी
- 350 सीसी से ऊपर की बाइक
- कोल्ड ड्रिंक्स और तंबाकू उत्पाद
इन पर 40% तक GST लगाने का प्रस्ताव है।
राज्यों की चिंता
कुछ राज्यों ने इस प्रस्ताव पर राजस्व हानि की आशंका जताई है और केंद्र से कम्पनसेशन की गारंटी मांगी है। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि मौजूदा कम्पनसेशन सेस को खत्म किया जाएगा या नए रूप में जारी रखा जाएगा।
बैठक का एजेंडा
बैठक सुबह 10 से 11 बजे के बीच शुरू होगी, और इस दौरान GST स्लैब रेशनलाइज़ेशन, लग्ज़री टैक्स, और SME सेक्टर के लिए अनुपालन आसान करने जैसे कई अहम मुद्दों पर फैसला लिया जा सकता है।