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प्रयागराज के नागवासुकी मंदिर में नागपंचमी पर उमड़ी भक्तों की भीड़

उपासना डेस्क, नॉएडा: आज नागपंचमी के पावन अवसर पर प्रयागराज के प्रसिद्ध नागवासुकी मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। गंगा नदी के तट पर स्थित इस प्राचीन मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहाँ वासुकी नाग के दर्शन से सर्पदोष और काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है, जिससे जीवन में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।

अभिषेक और पूजन का महत्व
नागपंचमी के इस विशेष दिन, मंदिर में भगवान वासुकी नाग का दूध और जल से अभिषेक किया गया। भक्तों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की। इस दौरान मंदिर परिसर में भक्तिमय वातावरण बना रहा और “हर हर महादेव” तथा “जय वासुकी नाग” के जयकारे गूंजते रहे। भक्तों का मानना है कि नागपंचमी के दिन यहाँ अभिषेक करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बनी रहती है।

नागवासुकी मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
नागवासुकी मंदिर का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है। मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के बाद, जब भगवान विष्णु और महादेव ने वासुकी नाग को उनकी भूमिका के लिए आशीर्वाद दिया, तब वासुकी नाग ने गंगा नदी के तट पर इस स्थान पर विश्राम किया था। तभी से यहाँ उनका मंदिर स्थापित हुआ और यह स्थान भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बन गया। कहा जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से लोगों को उनके कष्टों और पीड़ाओं से मुक्ति का आशीर्वाद मिलता है।

भक्तों की अटूट आस्था
सुबह से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं। भीषण गर्मी और उमस के बावजूद, भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और सभी श्रद्धालु शांतिपूर्ण ढंग से दर्शन कर सकें। प्रयागराज में स्थित यह मंदिर न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पूरे देश से आने वाले भक्तों के लिए काल सर्प दोष निवारण का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है।

नागपंचमी का पर्व
नागपंचमी का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व नाग देवता की पूजा को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखते हैं। इस दिन नागों को दूध पिलाने और उनकी पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आने की मान्यता है। प्रयागराज का नागवासुकी मंदिर इस पर्व के महत्व को और भी बढ़ा देता है, क्योंकि यहाँ स्वयं वासुकी नाग का वास माना जाता है, जिन्होंने समुद्र मंथन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लाखों भक्तों ने आज यहाँ आकर अपनी आस्था प्रकट की और नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त किया।

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Upasana Desk

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