बेंगलुरु ने रचा चिकित्सा इतिहास: 12 घंटे में तीन हार्ट ट्रांसप्लांट

बेंगलुरु में नारायणा हेल्थ सिटी ने 12 घंटे में तीन सफल हार्ट ट्रांसप्लांट कर चिकित्सा इतिहास रचा। तीन दाता परिवारों की उदारता से तीन मरीजों को मिला नया जीवन।

भारत के चिकित्सा इतिहास में एक नया कीर्तिमान दर्ज हुआ है। नारायणा हेल्थ सिटी, बेंगलुरु ने मात्र 12 घंटे में तीन हृदय प्रत्यारोपण (हार्ट ट्रांसप्लांट) कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

ये उपलब्धि न सिर्फ मेडिकल टीम की दक्षता को दर्शाती है, बल्कि अंगदान करने वाले परिवारों के साहस और समर्पण को भी सलाम करती है।

तीन मरीजों को मिला नया जीवन

इन तीनों मरीजों की उम्र करीब 35 वर्ष थी और वे एक साल से ज्यादा समय से ट्रांसप्लांट लिस्ट में थे। उनकी स्वास्थ्य स्थिति इतनी बिगड़ चुकी थी कि वे जल्द ही प्रत्यारोपण के लिए अयोग्य हो सकते थे।

तीन अस्पतालों से पहुंचे दाता हृदय

  • स्पर्श अस्पताल (यelahanka)
  • एस्टर CMI अस्पताल (Hebbal)
  • मणिपाल अस्पताल (Old Airport Road)

से दाता हृदय प्राप्त किए गए।
ग्रीन कॉरिडोर की मदद से अंगों को तेजी से नारायणा हेल्थ सिटी पहुंचाया गया, जिससे समय पर सर्जरी संभव हो सकी।

टीमवर्क और समन्वय

इन जटिल सर्जरी में हृदय रोग विशेषज्ञ, ट्रांसप्लांट सर्जन, एनेस्थीसियोलॉजिस्ट, परफ्यूजनिस्ट, ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर और क्रिटिकल-केयर विशेषज्ञों की बहु-अनुशासनिक टीम ने हिस्सा लिया।
इस कार्य में जीवन सार्थकते (SOTTO) ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने अंग आवंटन और परिवहन का जिम्मा संभाला।

डॉक्टरों का बयान

डॉ. वरुण शेट्टी, वरिष्ठ परामर्शदाता कार्डियक सर्जन, ने कहा –
“यह उपलब्धि हमारी चिकित्सा उत्कृष्टता और समाज के सहयोग का परिणाम है। दाता परिवारों का साहस और समय पर समन्वय ने यह संभव बनाया।”

उन्होंने बताया कि नारायणा हेल्थ का हार्ट फेल्योर और ट्रांसप्लांट प्रोग्राम देश का सबसे बड़ा कार्यक्रम है, जो एडवांस्ड हार्ट फेल्योर, ECMO और वेंट्रिक्युलर असिस्ट तकनीक में विशेषज्ञता रखता है।

सफल परिणाम

सभी तीनों ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक पूरे हुए और मरीज अब स्थिर अवस्था में हैं। फिलहाल वे चिकित्सकों की कड़ी निगरानी में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

अंगदान का संदेश

यह उपलब्धि उन तीन परिवारों के कारण संभव हुई, जिन्होंने अपने दुःख की घड़ी में भी दूसरों की जान बचाने का निर्णय लिया। उनकी उदारता ने तीन युवा मरीजों को नया जीवन दिया और समाज के लिए अंगदान का प्रेरक संदेश छोड़ा।