उज्जैन में भगवान महाकाल को श्रावण पूर्णिमा पर आरती के बाद अर्पित की गई राखी, लगाया सवा लाख लड्डूओं का महाभोग
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के पावन पर्व पर एक भव्य और आध्यात्मिक आयोजन हुआ। इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु, भगवान महाकाल के दर्शन और पूजन के लिए पहुंचे, जिससे पूरे मंदिर परिसर में भक्ति का अद्भुत माहौल बन गया।
पर्व की शुरुआत भोर में भस्म आरती के साथ हुई, जिसमें भाग लेने के लिए दूर-दूर से भक्तगण जुटे थे। इस विशेष आरती के दौरान, भगवान महाकाल को जल, दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से पंचामृत अभिषेक कराया गया। इसके बाद उनका अलौकिक श्रृंगार हुआ और परंपरा के अनुसार उन्हें भस्म अर्पित की गई। भस्म आरती के बाद, मंदिर के पुजारियों ने भगवान महाकाल को राखी अर्पित की, जो इस दिन की एक विशेष परंपरा है। इस दौरान, सवा लाख लड्डुओं का महाभोग भी लगाया गया, जिसे बाद में श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद के रूप में वितरित किया गया।
दिनभर मंदिर में दर्शन-पूजन का क्रम जारी रहा। हर तरफ महाकाल के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही थी। इस दिन के विशेष कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए मशहूर टीवी कलाकार अर्जुन बिजलानी भी पहली बार मंदिर पहुंचे और उन्होंने भस्म आरती में शामिल होकर अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की।
भक्तों के लिए यह अनुभव अत्यंत अविस्मरणीय था। महाकाल मंदिर की सुबह से रात तक चलने वाली आरती व्यवस्था को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। उन्होंने इस भक्तिमय और सकारात्मक ऊर्जा से भरे माहौल का अनुभव किया, जिससे उनका मन और आत्मा पूरी तरह से तृप्त हो गई।
महाकाल मंदिर, जिसे बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है, हर वर्ष श्रावण मास में विशेष रूप से भक्ति और उत्साह का केंद्र बनता है। श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन का यह पर्व महाकाल के भक्तों के लिए और भी खास हो जाता है। इस दिन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की तरह, भक्त और भगवान के बीच का अटूट संबंध भी और गहरा होता है। मंदिर प्रशासन ने भी भक्तों की सुविधा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए थे, ताकि सभी श्रद्धालु शांतिपूर्ण तरीके से दर्शन कर सकें। यह आयोजन एक बार फिर यह साबित करता है कि महाकाल मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि लाखों लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र है।