क्या गरुड़ पुराण को घर में नहीं रखना चाहिए? सत्य और भ्रांतियों का विश्लेषण

सनातन धर्म के पवित्र ग्रंथों में गरुड़ पुराण का विशेष महत्व है। आमतौर पर इसे मृत्यु और श्राद्ध कर्म से जोड़ा जाता है, लेकिन यह धारणा गलत है। शास्त्रों में कहीं भी नहीं कहा गया है कि गरुड़ पुराण घर में रखना या पढ़ना अशुभ है। वास्तव में, यह भगवान विष्णु की वाणी है, जो धर्म, कर्म और मोक्ष का मार्ग दिखाती है।

आज के समय में कुछ कम जानकार लोगों ने समाज में यह अंधविश्वास फैला दिया है कि गरुड़ पुराण को घर में रखना अशुभ होता है। हालाँकि, किसी भी शास्त्र या हिंदू पुराण में ऐसा नहीं लिखा गया है कि इसे घर में नहीं रखना चाहिए।

हिंदू धर्म के अन्य पवित्र ग्रंथों की तरह ही, गरुड़ पुराण भी एक पवित्र ग्रंथ है जो पूरी तरह से सिद्धांतों पर आधारित है। यह धारणा गलत है कि गरुड़ पुराण, यानी प्रेत कल्प, को घर में नहीं रखना चाहिए और इसकी कथा केवल श्राद्ध जैसे मृत्यु-संबंधी कार्यों में ही सुनी जाती है।

गरुड़ पुराण को लेकर प्रचलित भ्रांतियाँ

  • आम मान्यता है कि गरुड़ पुराण केवल मृत्यु और श्राद्ध कर्म से जुड़ा हुआ है।
  • इसे घर में रखना या पढ़ना अशुभ माना जाता है।
  • लोग मानते हैं कि यह ग्रंथ केवल प्रेतकर्म या मृत्यु के समय ही पढ़ा जाना चाहिए।

शास्त्रों और पुराणों के अनुसार सत्य

  1. गरुड़ पुराण वैष्णव पुराण है – इसमें भगवान विष्णु स्वयं गरुड़ जी को उपदेश देते हैं। यह हरि-वाणी है, इसलिए इसे अशुभ कहना भगवान का अपमान है।
  2. पवित्र और पुण्यदायी ग्रंथ – इसमें मृत्यु, पुनर्जन्म, पाप-पुण्य, कर्मफल और मोक्ष का विस्तृत ज्ञान मिलता है।
  3. सिर्फ प्रेतकर्म तक सीमित नहीं – यह मोक्ष मार्गदर्शक ग्रंथ है, जिसे कोई भी श्रद्धा और शुद्धता से पढ़ सकता है।
  4. घर में रखने या पढ़ने से अशुभ नहीं होता – बल्कि यह आत्मज्ञान, धर्म और सदाचार का बोध कराता है।
  5. पाठ का फल – आधा श्लोक पढ़ने से भी शत्रु नाश होता है, और पूरा श्लोक पढ़ने से अकाल मृत्यु टल सकती है।

असत्य मान्यता – गरुड़ पुराण घर में अशुभ है।
सत्य तथ्य – गरुड़ पुराण पवित्र ग्रंथ है और हर समय पढ़ा जा सकता है।

गरुड़ पुराण को घर में रखना और उसका पाठ करना पूरी तरह से शुभ और कल्याणकारी है। यह अंधविश्वास है कि इसे केवल मृत्यु प्रसंग पर ही पढ़ा जाए। वास्तव में, इसका नियमित अध्ययन मनुष्य को धर्म, कर्म, और मोक्ष का मार्ग दिखाता है।