दोहा कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अड्ग । पद्मासन स्थित ध्याइये, शंख चक्र के सड्ग ॥ चौपाई जय सविता जय जयति दिवाकर । सहस्त्रांशु […]