अचला भानु सप्तमी पर्व आज, पुण्यलाभ के लिए इस तरह से करें भगवान सूर्य की पूजा

भक्ति टाइम्स: जब किसी महीने में रविवार के दिन सप्तमी तिथि का योग बनता है, तब वह तिथि भानु सप्तमी कहलाती है। जब माघ महीने में भानु सप्तमी का संयोग बनता है तब उसे अचला भानु सप्तमी व्रत कहा गया है।

यह बहुत ही दुर्लभ है। पौराणिक ग्रंथों और शास्त्रों में अचला भानु सप्तमी व्रत बहुत प्रशंसा की गई है। इस दिन भगवान सूर्यनारायण के निमित्त व्रत करते हुए उनकी उपासना करने से अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।

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भगवान सूर्य की पूजा विधि
अचला भानु सप्तमी पर्व के दिन अनेक लोग उपवास भी रखते हैं। दक्षिण भारत में सूर्योदय के पूर्व स्नान करके घर के द्वार पर रंगोली बनाई जाती है। पोंगल की तरह लोग इस दिन भी गाय के दूध को उबालते हैं, क्योंकि माना जाता है कि इससे सूर्य देव को भोग लगता है। साथ ही, गेंहू की खीर भी बनाते हैं

पूजा विधि:

  • सूर्योदय से पहले स्नान कर लें।
  • जब भगवान भास्कर उदित हो रहे हों, तो उन्हें को जल का अर्घ्य दें।|
  • सुर्य गायत्री मंत्र “वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरुमेदेव सर्व कार्येषु सर्वदा” मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्घ्य दें।
  • जिस स्थान पर खड़े हो, उसी जगह पर परिक्रमा करते हुए यह मंत्र पढ़ें।
  • सच्ची श्रद्धा और विश्वास से अपने मन की बात को सुर्यदेव से कहें कि आप क्या चाहते हैं।

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