2027 में होने वाले कुंभ मेले को दिव्य और भव्य स्वरूप देने के लिए उत्तराखंड शासन ने तैयारियां तेज़ कर दी हैं। इसी क्रम में मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में हरिद्वार स्थित सीसीआर सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में जनप्रतिनिधियों, श्री गंगा सभा, व्यापार मंडल, प्रेस क्लब और विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों से सुझाव लिए गए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कुंभ मेला विश्व स्तर पर भारत की आस्था और संस्कृति का प्रतीक है, इसलिए इसे भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने आश्वस्त किया कि बैठक में दिए गए सभी सुझावों को मेला अधिकारी और जिला प्रशासन की कार्ययोजना में शामिल किया जाएगा तथा संबंधित विभाग समयबद्ध कार्रवाई करेंगे।
मुख्य बिंदु (Highlights)
- हरिद्वार स्थित सीसीआर सभागार में हुई उच्चस्तरीय बैठक।
- जनप्रतिनिधियों, गंगा सभा, व्यापार मंडल और अन्य संस्थाओं से लिए गए सुझाव।
- श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु घाटों पर रेलिंग लगाने के निर्देश।
- दिसंबर 2026 तक सभी निर्माण व विस्तारीकरण कार्य पूरे करने का आदेश।
- मुख्य सचिव ने विभिन्न घाटों और मेला क्षेत्र का किया स्थलीय निरीक्षण।
स्थलीय निरीक्षण और सुरक्षा निर्देश
बैठक के बाद मुख्य सचिव ने गौरी शंकर द्वीप, नमामि गंगे चंडी घाट, मोक्ष घाट, बैरागी कैंप, दक्ष द्वीप, पंतद्वीप, हरकी पौड़ी से मालवीय द्वीप होते हुए सीसीआर मेला कंट्रोल रूम तक का स्थलीय निरीक्षण किया।
उन्होंने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए सभी घाटों पर मजबूत रेलिंग लगाने के निर्देश दिए।
दिसंबर 2026 तक पूर्ण हों सभी कार्य
मुख्य सचिव ने मेला अधिकारी, जिलाधिकारी और संबंधित कार्यदायी संस्थाओं को स्पष्ट निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता है कि कुंभ मेला 2027 को दिव्य एवं भव्य ढंग से आयोजित किया जाए। इसके लिए सभी स्थायी और अस्थायी निर्माण कार्य, घाटों का विस्तारीकरण और अन्य विकास कार्य दिसंबर 2026 तक पूर्ण कर लिए जाएं।